मंगलुरू : हाल ही में यहां रणरागिणी शाखा की ओर से बोंधेल के रोटरी बालभवन में स्वामी विवेकानंद एवं राजमाता जिजाबाई की जयंती मनाई गई। इस कार्यक्रम में श्रीमती प्रमिला रमेश प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित थीं।
श्रीमती प्रमिला रमेश ने कहा कि, वर्तमान में हिन्दू महिलाओं को रणरागिणी समान संघटनों की आवश्यकता है। समाज की वर्तमान स्थिति को देखते हुए महिलाओं ने स्वसंरक्षण प्रशिक्षण लेने एवं ईश्वर की कृपा संपादन करने हेतु ‘साधना’ करनी आवश्यक है। स्वयं अपनी एवं परिवार की रक्षा करने हेतु हर हिन्दू महिला को राजमाता जिजाबाई समान ‘वीरमाता’ होना आवश्यक है !
श्रीमती आशा गौरी ने स्वामी विवेकानंद का योगदान एवं कर्तृत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, देश के हर युवक ने स्वामी विवेकानंद के तत्त्व आत्मसात करने चाहिये एवं राष्ट्रनिर्मिति एवं धर्मरक्षा के लिए हम सभी को संघटित होना चाहिये।
रणरागिणी की ओर से श्रीमती लक्ष्मी पै ने कहा कि, राजमाता जिजाबाई ने छत्रपति शिवाजी महाराज पर बचपन में धार्मिक संस्कार किए। उन्हें योग्य शिक्षा प्रदान की। इसलिए छत्रपति शिवाजी महाराज शूर योद्धा हों सके। वर्तमान समय में हमें जिजाबाई समान ‘वीरमाता’ओं की आवश्यकता है !
कार्यक्रम का सूत्रसंचालन श्रीमती अंकिता कामत ने किया। इस कार्यक्रम में विविध संगठनों की महिलाएं सम्मिलित हुई थीं।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात