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‘सिलचर के धर्मांध’ : एक बढता हुआ ‘सिरदर्द’ !

मिजोरम एवं त्रिपुरा राज्यों की सीमापर स्थित असम का एक प्रमुख शहर है सिलचर !

सिलचर के अधिवक्ताओं ने गौहत्ती (गुवाहाटी) में आयोजित एक प्रदर्शनी में अकरम हुसैन नामक मुसलमान चित्रकारद्वारा चित्रित किये गये चित्र में भगवान श्रीकृष्ण का अनादर किये जाने के विरोध में न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की। साथ ही एमआयएम के धर्मांध विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी की भांति सिलचर में भी एक धर्मांध विधायकद्वारा २ घंटों में हिन्दुओं को नष्ट करने की भाषा बोली थी; परंतु देश के किसी भी प्रसार माध्यमद्वारा उसका संज्ञान नहीं लिया गया। धर्मप्रेमी अधिवक्ताओंद्वारा इस धर्मांध विधायक के विरोध में भी अभियोग प्रविष्ट किया गया है।

सिलचर में बढती हुई मुसलमान जनसंख्या का हुडदंग !

सिलचर में मुसलमान बहुसंख्यक होने की दिशा में आगे बढ रहे हैं। सिलचर को छोडकर कछार जिले में सर्वत्र मुसलमानों की जनसंख्या ६० से ८० प्रतिशत तक पहुंच गई है। इसके कारण नियमित रूप से मंदिरों में गोमांस फेंककर दंगे भडकाने के षडयंत्र किये जा रहे हैं और लव्ह जिहाद भी बडी मात्रा में चल रहा है। हाल ही में काँग्रेस विधायक श्रीमती रुमी नाथ लव्ह जिहाद पर बलि चढकर अपनी छोटी बच्ची को छोडकर मुसलमान युवक से निकाह करने का प्रकरण चर्चा में आया था। यह महिला विधायक सिलचर की ही है !

मुसलमान एवं ईसाईयों के चंगुल में फंसा हुआ हिन्दू समाज !

सिलचर के पास में करीमगंज एवं हैलाकंडी ये दो जिले बांग्लादेश के निकट होने से वहां से आनेवाली अवैध बांग्ला देशी मुसलमानों की जनसंख्या निरंतर बढ रही है। एक ओर धर्मांधोंद्वारा अत्याचार हो रहे हैं, तो दूसरी ओर ईसाई मिशनरी वहां के चाय के बागानों में काम करनेवाले निर्धन हिन्दू मजदूरों को अपने जाल में फंसा रहे हैं।

ऐसी स्थिति में भी वहां के हिन्दू धर्मप्रेमी, ‘हिन्दू संघटन’ का चुनौतीपूर्ण कार्य कर रहे हैं !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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