पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका प्रशासन की हिन्दुद्रोही कृती !
- अन्य धर्मियों के अवैध निर्माण कार्यों को गिराने का साहस न रखनेवाला हिन्दुद्रोही प्रशासन हिन्दुओं के प्रविष्टित मंदिरों को तोडकर हिन्दुओं की धर्मभावनाओंपर जानबूझकर आघात करता है, यह अत्यंत क्षोभजनक है !
- छत्रपति शिवाजी महाराज के इस महाराष्ट्र में, हिन्दुओं के ही मतोंपर चुने गए शासन के लिए यह लज्जास्पद है !
पिंपरी : यहां के डिलक्स चौकपर स्थित २५ वर्ष प्राचीन एवं प्रविष्टित श्री गणेशजी के मंदिर को पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिकाद्वारा अवैध ठहराकर पूर्वसूचना न देकर गिराए जाने की घटना २४ जनवरी की मध्यरात्रि में हुई है।
यह मंदिर वर्ष २००९ के पहले से होते हुए भी पालिका ने उसे किसके दबाव में आकर गिराया, इसे पालिका आयुक्त दिनेश वाघमारे घोषित करें, साथ ही पालिका इस मंदिर का पुनर्निर्माण करें अथवा मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए वैधानिक पद्धति से अनुमति दें, ऐसी मांग हिन्दुत्वनिष्ठ संघटनों के प्रतिनिधियों ने यहां के होटल घरौंदा में आयोजित पत्रकार परिषद में रखी।
इस समय हिन्दुत्वनिष्ठ श्री. कुणाल साठे, गोरक्षक श्री. नितीन व्हटकर, मंदिर समिति के सर्वश्री गणेश चंदनशिवे, दीपक मांढरे, पप्पू कांबळे एवं हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. पराग गोखले उपस्थित थे।
इस समय श्री. नितीन व्हटकर ने कहा कि, मुंबई उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार वर्ष २००९ के पश्चात बने अवैध धार्मिक स्थलों को ३१ दिसंबर २०१६ तक गिराने का आदेश राज्य शासन के नगरविकास विभागद्वारा दिया गया था, उसके अनुसार हमने पिंपरी-चिंचवड शहर में स्थित वर्ष २००९ के पश्चात बने अवैध मंदिरों की सूची समाचारपत्रों में देखी थी। ऐसा होते हुए भी डिलक्स चौकपर स्थिथ २५ वर्ष प्राचीन मंदिरपर हाथौडा चलाने का कारण समझ में नहीं आता !
गणेशभक्तों ने स्वपरिश्रम से इस मंदिर का निर्माण किया था। गणेशभक्तोंद्वारा इस मंदिर का जीर्णोद्धार भी किया जा रहा था। ऐसे मंदिर को पालिका प्रशासन ने गिरा दिया है। (इसके लिए उत्तरदायी प्रशासनिक अधिकारियोंपर शासन क्या कार्रवाई करनेवाला है, इस संदर्भ में गणेशभक्तों को समझना आवश्यक है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात