महाराणा प्रताप बटालियनद्वारा संयुक्त रूप में स्वातंत्र्य सेनानी सुभाषचंद्र बोस तथा स्व. बाळासाहेब ठाकरे की जयंती संपन्न !
मुंबई : २३ जनवरी को पनवेल के पृथ्वी सभागृह में महाराणा प्रताप बटालियनद्वारा स्वातंत्र्य सेनानी सुभाषचंद्र बोस तथा स्व. बाळासाहेब ठाकरे की जयंती संयुक्त रूप से मनाई गई। इस अवसर पर महाराणा प्रताप बटालियन के श्री. ठाकुर अजयसिंह सेंगर संबोधित कर रहे थे।
अपने संबोधन में; उन्होंने एक ऐसा प्रश्न उपस्थित किया कि, ‘अरब राष्ट्र में इस्लाम के विरोध में वक्तव्य करनेवालों को मृत्युदंड दिया जाता है। क्या, वैसा ही दंड ‘हिन्दू धर्म’ की निंदा करनेवाले को देना चाहिए ?’
मुख्य अतिथी के रूप में श्री.सचिन खुले ने दीपप्रज्वलन किया।
उस समय श्री. सेंगर ने आगे कहा कि…
१. १९४७ में हुए करार के अनुसार, यह देश हिन्दुओं का है। मुसलमानों को केवल गांधी-नेहरू के आग्रह के कारण यहां रहने की अनुमती प्राप्त हुई साथ ही उन्हें मतदान का अधिकार भी दिया गया ! यह बात अनुचित है; क्योंकि किसी भी मुसलमान देश में एक ‘हिन्दू’ के रूप में जन्म होने के पश्चात भी जन्महिन्दुओं को मतदान का अधिकार प्राप्त नहीं है। अतः इस देश में १९४७ के विभाजन का भंग कर मुसलमानों को दिया गया मतदान का अधिकार निरस्त करना चाहिए !
२. इस देश से विदेशी अंग्रेजी भाषा सीमापार करनी चाहिए; क्योंकि अंग्रेजी पढकर हमारे बच्चें विदेश में जाकर उनका ही विकास कर रहे हैं !
३. नेताजी सुभाषचंद्र बोस तथा बाळासाहेब ठाकरे के समान नेतृत्व की न्यूनता आज प्रतीत हो रही है !
४. सनातन समान संस्था केवल हिन्दुत्व के लिए कार्य करती हैं। अन्य हिन्दु संगठन भी उनका आदर्श सामने रखें !
श्री. सचिन खुले ने कहा कि, ‘देश में समान नागरी अधिनियम की त्वरित कार्यान्विति होनी चाहिए। हिन्दुओं को न्यायालय में दिया जानेवाला ‘घटस्फोट’ का प्रबंध निरस्त करना चाहिए। मुसलमानों की तरह हिन्दुओं को भी धार्मिक अधिकार है। हिन्दु धर्म के विवाह संबंधों में न्यायालय ने सख्ती नहीं करनी चाहिए। न्यायालय में हिन्दुओं को घटस्फोट के लिए चार-पांच वर्षे लगते हैं तथा मुसलमानों को १ मिनट में मिलता है !
विशेष अतिथी श्री. सुयोग कुलकर्णी तथा शेकाप नेता श्री. कृष्णा यादव भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात