इस्लामाबाद/लाहौर : मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद की नजरबंदी के बाद उनके समर्थकों ने सरकार के इस निर्णय को अमेरिका और भारत के दबाव में उठाया गया कदम बताया है। हाफिज के समर्थन में पूरे पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन का सिलसिला शुरू हो गया है। पंजाब प्रांत के गृहविभाग से हिरासत के आदेश के बाद सईद और उसके चार सहयोगियों को सोमवार को नजरबंद कर दिया गया।
हाफिज को उसके निवास पर स्थानांतरित कर दिया गया और पंजाब प्रांत में अधिकारियों ने इसे उप-जेल घोषित कर दिया। प्रांतीय अधिकारियों ने लाहौर की सड़कों से जमात-उद-दावा के बैनर हटाने भी शुरू कर दिए हैं। प्रांतीय गृह विभाग के आदेश पर लाहौर में जमात-उद-दावा के कार्यालयाें पर पार्टी के झंडों के बजाय राष्ट्रीय झंडे फहराए गए हैं। सईद की नजरबंदी के विरुध्द उसके समर्थकों ने लाहौर, मुलतान, फैसलाबाद, गुजरांवाला, सियालकोट, पेशावर और क्वेटा समेत विभिन्न शहरों में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, नजरबंदी के विरुध्द सईद के समर्थकों ने इस्लामाबाद में भी प्रदर्शन किए। गृह मंत्रालय सईद की गिरफ्तारी के बाद के हालात पर निगरानी रख रहा है। हाफिज के समर्थकों का आरोप है कि, नवाज शरीफ की सरकार ने उस अमेरिका की इच्छा के आगे घुटने टेक दिए हैं, जिसने सईद की गिरफ्तारी से जुड़ी जानकारी देने के लिए एक करोड़ डॉलर के इनाम की घोषणा कर रखी है।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स