अबु धाबी : अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के ७ मुस्लिम देशों के नागिरकों के वीजा पर प्रतिबन्ध लगाने का संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने खुलकर समर्थन किया है। यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्लाह बिन जाएद अल नहयान ने ट्रंप के प्रतिबन्ध का समर्थन करते हुए कहा कि यह प्रतिबन्ध मुस्लिमों के खिलाफ नहीं है। शुक्रवार को ट्रंप की ओर से हस्ताक्षर की गई नई वीजा नीतियों के अनुसार ७ मुस्लिम बाहुल्य देशों के लोगों को ९० दिनों तक वीजा देने पर रोक लगा दी गई थी। इसके अलावा सीरिया से आनेवाले शरणार्थियों के प्रवेश पर भी अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है। इस आदेश के तहत ७ मुस्लिम देशों ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन के नागिरकों पर वीजा पाबंदियां लगा दी गई हैं।
ट्रंप के इस प्रतिबन्ध का अमेरिका समेत पूरी दुनिया में जबर्दस्त विरोध हो रहा है। यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्लाह ने कहा कि अमेरिका अपनी सीमा के भीतर ‘संप्रभु फैसला’ लेने के लिए स्वतंत्र है। ट्रंप के प्रतिबन्ध के बाद पहली बार इस गल्फ राष्ट्र से अमेरिकी राष्ट्रपति के समर्थन में आवाज आई है।
शेख अब्दुल्लाह ने कहा कि उन्हें अमेरिकी प्रशासन के इस बयान पर उन्हें भरोसा है कि यह प्रतिबन्ध धर्म के नाम पर नहीं किया गया है। उन्होंने साथ ही कहा कि इस प्रतिबन्ध का अधिकतर मुस्लिम देशों पर असर नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा, ‘यह अस्थायी प्रतिबन्ध है और ३ महीने बाद इसमें संशोधन होना है। इसलिए हमें इन बात का भी ख्याल रखने की जरूरत है।’
उन्होंने कहा कि प्रतिबन्ध किए कुछ देशों के भीतर आंतरिक समस्याएं हैं। इन देशों को अपनी समस्याओं को खत्म करने के लिए प्रयास करने चाहिए। बता दें कि यूएई अमेरिका का करीबी सहयोगी है।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स