जलगांव में नाभिक महिला मंडल आयोजित ‘स्नेह मेला’
जलगांव : शहर के नाभिक महिला मंडल आयोजित स्नेह मेले को हिन्दू जनजागृति समिति प्रणित रणरागिणी शाखा की कु. रागेश्री देशपांडे संबोधित कर रही थी। अपने संबोधन में उन्होंने ऐसा प्रतिपादित किया कि, ‘महिलाओं की सद्य:स्थिती चिंताजनक है। उन पर प्रतिदिन होनेवाले अत्याचार, विनयभंग, बलात्कार ने आज सीमा पार की है। उसके लिए महिला सक्षमीकरण की आवश्यकता है। महिलाओं को स्वसंरक्षण प्रशिक्षण लेना, यह समय की आवश्यकता है !’
३० जनवरी को नाभिक महिला मंडल की ओर से स्नेह मेले का आयोजन किया गया था। इसमें कु. रागेश्री देशपांडे ने आगे कहा कि, ‘यदि हम अपनी लडकियों पर अपने धर्म के संस्कार करें, तो वे किसी भी प्रलोभन का शिकार नहीं होंगी। लडकियों को कुमकुम लगाना, कंगन पहनना, चोटी अथवा अंबाडा बांधना तथा भारतीय पेहराव परिधान करना जैसी कृती कर धर्माचरण करना चाहिए। यदि लडकी धर्माचरण करें, तो धर्मांध उनकी ओर देखने से पहले ५ बार सोचेंगे। युवतियां तथा महिलाओं ने धर्मांधों के किसी भी प्रकार के प्रलोभनों का शिकार होने की अपेक्षा स्वसंरक्षण प्रशिक्षण प्राप्त कर सक्षम होना चाहिए !
तत्पश्चात ज्येष्ठ नागरिक संघ की महिलाध्यक्षा श्रीमती आशा तळेले ने ऐसा आवाहन किया कि, ‘भारतीय संस्कृति का आदर कर अपने पाल्यों पर उचित संस्कार करने चाहिए, साथ ही हिन्दू धर्म में ‘स्त्री’ को देवी के समान माना जाता है। इस देवता का आदर कर स्त्रीभ्रुण हत्या जैसे प्रकार बंद करने चाहिए । उसके लिए महिलाओं को ही आगे आ कर यह प्रतिबंधित करना चाहिए !’
इस स्नेह मेले में २५० से भी अधिक महिलाएं उपस्थित थी।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात