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बांग्लादेशी हिन्दुओं की इस दुःस्थिती में परिवर्तन लाने हेतु क्या, भारत सरकार कुछ प्रयास करेगी ?
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पुलिस की ओर से परिवाद प्रविष्ट करने में भी टामलटोल
ढाका (बांग्लादेश) : बांग्लादेश के पीडित हिन्दुओं के लिए लडनेवाले ‘बांग्लादेश मायनोरिटी वॉच’ इस संघटन के अध्यक्ष तथा हिन्दुत्वनिष्ठ अधिवक्ता श्री. रवींद्र घोष (आयु ६३ वर्ष) को धर्मांध सांसद ने गालियां देते हुए पिटाई की !
१. बांग्लादेश में भोला जिले के निवासी श्री. दास के खेत में चावल की फ़सल तथा पेड कांटे गए। इस संदर्भ में परिवाद प्रविष्ट करने हेतु वे अधिवक्ता श्री. घोष के पास गए।
२. अतः अधिवक्ता श्री. घोष तथा उनके सहकारी श्री. दिलीपकुमार रॉय तथा श्री. दास ये तीनो न्याय मांगने हेतु ३ फरवरी २०१७ को स्थानीय सांसद नुरुननबी चौधरी के ढाका स्थित निवासस्थान पर गए।
३. उस समय अधिवक्ता श्री. घोष ने सांसद चौधरी को बताया कि, ‘श्री. दास के खेत में चावल की फ़सल तथा पेड कांटकर ले जाने के पीछे स्थानीय स्वराज्य संस्था के अध्यक्ष अबुल काशीम मियां का हाथ है !’ यह बात बताते ही सांसद चौधरी आगबबुला हुए।
४. चौधरी तथा उनके सहकारी गुंडों ने अधिवक्ता श्री. घोष को प्रथम गालियां दी तथा उसके पश्चात उनकी पिटाई कर अपहरण करने का प्रयास किया।
५. सत्य एवं वैध परिस्थिति सुनने की सांसद की सिद्धता ही नहीं थी। उन्होंने अधिवक्ता श्री. घोष को गालियां देते हुए धमकी भी दी कि, ‘आप हिन्दुओं का पक्ष क्यों ले रहें हैं ? आप के विरोध में मैं पुलिस में परिवाद प्रविष्ट कर कार्रवाई करूंगा !’ तत्पश्चात उन तीनों को धक्के मार कर बाहर निकाल दिया गया।
६. उन सभी को वाहन में बिठाकर उनका अपहरण करने का भी गुंडों का षडयंत्र था; किंतु वे सभी जान बचाने हेतु भाग गए; इसलिए वे बच गए !
७. अधिवक्ता श्री. रवींद्र घोष ने बांग्लादेश के गृहमंत्री असदुझ्झामान कमाल के साथ भ्रमणभाष पर संपर्क किया तथा उन्हें सर्व घटना कथन की। तदनंतर गृहमंत्री ने अधिवक्ता श्री. घोष को पुलिस थाने में परिवाद प्रविष्ट करने के लिए बताया।
८. तदनुसार अधिवक्ता श्री. घोष सांसद चौधरी के विरोध में परिवाद प्रविष्ट करने हेतु पुलिस थाने में गए; किंतु पुलिस ने परिवाद प्रविष्ट करने के लिए स्पष्ट अस्वीकृती प्रदर्शित की !
९. इससे पूर्व भी हिन्दुओं को न्याय प्राप्त करवाते समय अनेक प्रसंगों में अधिवक्ता श्री. रवींद्र घोष पर बांग्लादेश के मंत्री, सांसद सदस्य, अधिवक्ताएं आदि द्वारा आक्रमण हुए हैं !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात