केन्द्र में हिन्दुआेंकी सरकार होते हुए भी कश्मीरी पंडितों के लिए अलग से कॉलोनी बनाने की योजना को निरस्त किया जाता है, यह हिन्दुआें के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है ! क्या सरकार अलगाववादीयों के धमकी से डर गर्इ ? – सम्पादक, हिन्दूजागृति
नर्इ देलही – जम्मू कश्मीर में कश्मीरी पंडितों और सैनिकों के लिए अलग कॉलोनी के बनाने को लेकर चल रही अटकल बाजियों पर विराम लग गया। केंद्र सरकार ने संसद को जानकारी दी है कि, उनके लिए अलग से कॉलोनी बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने कांग्रेस के अश्विनी कुमार द्वारा पूछे गए एक प्रश्न का लोकसभा में उत्तर देते हुए कहा कि, ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने लोकसभा में बताया कि सरकार ने १८ नवंबर २०१५ को सिर्फ एक योजना बनाई थी जिसके तहत ३००० नौकरियां पंडितों के लिए निकाली गई थीं जबकि ६००० ट्रांजिट आवास भी उनके लिए बनाने की योजना थी। पिछले काफी समय से ऐसी खबरें आ रही थीं कि घाटी में पंडितों और सैनिकों के लिए कॉलोनियां बनाने का प्रस्ताव है। इन खबरों के आने के बाद कश्मीर में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी।
कश्मीर घाटी में प्रस्तावित सैनिक और पंडित कॉलोनियों के खिलाफ कश्मीर भर में झडपों और प्रदर्शनों का दौर कई दिनों तक चला था। जाहिर है कि हुर्रियत कांफ्रेंस के दो गुटों ने जनवरी में शुक्रवार की जुमे की नमाज के बाद लोगों से कॉलोनियों के खिलाफ प्रदर्शन और काले झंडे फहराने का आवाहन किया था।
यहां आपको बता दें कि, घाटी में आतंकवादीयोंकी धमकी के बाद कश्मीर से ६२ हजार कश्मीरी पंडित परिवार विस्थापित हुए थे। विस्थापितों में से ४० हजार जम्मू में हैं जबकि बाकी के २०००० के आसपास दिल्ली और अन्य जगहों पर बसे हैं।
स्त्रोत : आज तक