नर्इ देहली : तीन भारतीय लोगों ने देश के नौ युवाओं को आतंकी संगठन आईएसआईएस में शामिल होने के लिए सीरिया भेजा था। यह जानकारी राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा दी गई है। इंडियन एक्सप्रेस को जानकारी मिली है कि, जिन तीन भारतीय युवकों ने ये भर्तियां करवाई वे अबू धाबी में रह रहे थे। वे तीनों वहां आईएस के लिए भर्ती करने वाले एक संगठन के लिए काम किया करते थे। जिन नौ लोगों की भर्ती करवाई गई और सीरिया भेजा गया उसमें आठ लोग तमिलनाडु और एक तेलंगाना का है। ऐसा राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण का मानना है।
जनवरी २०१६ में अबू धाबी के उस संगठन का भांडाफोड़ हुआ था। उसके बाद भर्तियां करवाने में शामिल तीनों भारतीयों को यूएई से भारत लाया गया था। इसमें कर्नाटक के अदनान हुसैन, महाराष्ट्र के मोहम्मद फरहान और कश्मीर के शेख अजहर अल इस्लाम शामिल थे। ये तीनों यूएई में अलग-अलग काम करते थे और उसी दौरान आईएस के लिए भर्तियां करवाने लगे थे। तीनोंकी ऑनलाइन गतिविधि पर संदेह होने के बाद पकड़ा गया था।
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण के अभिलेख से पता लगा है कि, नौ लोगों को भेजने का षडयंत्र चेन्नई और देश के बाकी अलग-अलग हिस्सों में बने योजना के बाद रचा गया था। इसमें पैसे एकत्रित करना, शिविर लगाना, भर्ती करना और सीरिया तक भेजने की पूरी योजना शामिल थी।
पिछले वर्ष राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण द्वारा की गई छानबीन में ‘जुनैद उल खलीफा फिल हिंद’ नाम के संगठन का पता लगा था। उसको शफी अरमर नाम का व्यक्ति ऑनलाइन और ऑफलाइन चलाता था। पकड़े जाने पर शफी ने बताया था कि, मोहम्मद नफीस खान जो कि अपने आपको आईएस का नेता बताता था उसकी मदद से हैदराबाद के दो लड़के सीरिया गए थे। उनमें एक मुरादनगर और दूसरा गोलकुंडा का था। वे लोग टर्की और सिंगापुर से होते हुए सीरिया पहुंचे थे।
स्त्रोत : जनसत्ता