संयुक्त राष्ट्र : आतंकवादी संगठन आईएसआईएस अफगानिस्तान में आर्थिक दुर्दशा से जूझने के बावजूद अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा के अशांत क्षेत्रों से लड़ाकों की लगातार भर्ती कर रहा है और वह धन एकत्र करने के लिए जबरन वसूली कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति को इस सप्ताह सौंपी गयी विश्लेषणात्मक समर्थन और प्रतिबंधों की निगरानी करने वाली टीम की १९ वीं रिपोर्ट में यह बात कही गयी है। रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र के एक सदस्य देश ने बताया कि अफगानिस्तान में आईएस के करीब २००० से ३५०० लड़ाके हैं और २०१६ में भारी नुकसान के बावजूद लड़ाकों की संख्या में कोई खास कमी नहीं आयी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएस अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा क्षेत्र से लगातार लड़ाकों की भर्ती में सक्षम है और अफगानिस्तान में बढ रही शरणार्थियों की संख्या से लडाकों की भर्ती में और मदद मिल सकती है। आईएस इस बात को बखूबी समझता है।
सदस्य देशों ने इसकी भी पुष्टि की है कि, अफगानिस्तान में आईएस नेता हाफिज सईद खान जुलार्इ २०१६ में एक हवाई हमले में मारा गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान में आईएस आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहा है और इसी कारण वह स्थानीय लोगों से जबरन वसूली कर रहा है। ऐसा भी हुआ है जब आईएस को अपने लड़ाकों को पैसे देने भी बंद करने पड़े है लेकिन धन की कमी से उसकी महत्वाकांक्षा पर कोई असर नहीं पड़ा।
स्त्रोत : जनसत्ता