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‘अमेरिका के आईएस के दखल का फायदा उठाकर भारत में पैर फैला रहा है अलकायदा’

शीर्ष अमेरिकी सांसदों ने चेतावनी दी है कि, अमेरिका के इस्लामिक स्टेट के साथ ‘पहले से व्यस्त’ होने का फायदा उठाकर अलकायदा दक्षिण एशिया में फिर से स्वयं को मजबूत कर रहा है और पश्चिमी पाकिस्तान में अपने ‘घर’ से भारत में अपनी विचारधारा फैलाने की तैयारी कर रहा है। जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर सिक्योरिटी स्टडीज के ब्रूस हॉफमैन ने हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमेटी के सदस्यों से कहा, ‘अलकायदा कभी नहीं बदला और वह अब भी यही समझता है कि, वह पश्चिम और विशेषकर अमेरिका के विरुद्ध अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है।’

उन्होंने कमेटी के अध्यक्ष मैक थॉर्नबेरी से कहा, ‘मुझे लगता है कि, वह हमारे आईएसआईएस के साथ व्यस्त होने का फायदा उठाकर स्वयं को फिर से, खासकर दक्षिण एशिया में मजबूत बना रहा है।’ हॉफमैन ने आतंकवाद एवं आतंकवाद के विरुद्ध रणनीतियों पर बुधवार (१५ फरवरी) को कांग्रेस की सुनवाई के समय में कहा कि, अलकायदा ‘भारत में अपनी विचारधारा फैलाने की तैयारी कर रहा है’ जो विश्व में सर्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या वाले देशों के मामले में दूसरे नंबर पर है।

उन्होंने कहा, ‘हम बांग्लादेश और म्यांमार में उसका प्रभाव पहले ही देख रहे हैं।’ कॉम्बेटिंग टेरररिज्म सेन्टर, वेस्ट प्वाइंट के माइकल शीहान ने एक प्रश्न के उत्तर में सांसदों से कहा कि, पाकिस्तान का संघ प्रशासित जनजातीय क्षेत्र अलकायदा का ‘घर’ है जो पारंपरिक तौर पर अमेरिका के लिए सबसे बड़ा कूटनीतिक संकट है। शीहान ने कहा, ‘वे उन लोगों में से हैं जिन्होंने अफ्रीका में हमारे दूतावासों में आग लगायी और ९/११ हमले के लिए उत्तरदायी है। वे पाकिस्तान में रहते हैं। उनमें से कुछ वापस अफगानिस्तान चले गये परंतु उनके लिए अफगानिस्तान से अपने मंसूबों को अंजाम देना मुश्किल है क्योंकि हमने अफगानिस्तान के चारों ओर फैले क्षेत्र को घेर रखा है।’ उन्होंने कहा, ‘अफगानिस्तान कूटनीतिक रूप से अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण नहीं है। वह महत्वपूर्ण इसलिए है कि, वहां अलकायदा है जिसने वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर को गिराया।’

स्त्रोत : जनसत्ता

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