लंडन के स्कूल ऑफ इक्नॉमिक्स स्थित सेंटर फॉर वुमेन, पीस एंड सिक्योरिटी का चौंकानेवाला दावा !
लंडन स्कूल ऑफ इक्नॉमिक्स स्थित सेंटर फॉर वुमेन, पीस एंड सिक्योरिटी ने चौंकानेवाला दावा किया है। रिपोर्ट के अनुसार, सीरिया की जेलों में कैद महिलाओं के खिलाफ बर्बर हिंसा की गई है। यह रिपोर्ट सुरक्षा बलों की भूमिका पर भी गंभीर सवालिया निशान खड़े करते हैं। रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि जेल में बंद महिला कैदियों के साथ रोज बलात्कार और टॉर्चर किया जाता हैं। महिलाओं को किसी मामूली सी गलती के लिए भी बहुत टॉर्चर किया जाता है। वहीं रिपोर्ट में यह बात भी कही गई है कि यह काम इतने संगठित तरीके से किया जाता है कि महिलाओं को गर्भवती होने से बचाने के लिए गोलियां भी खिलाई जाती हैं। सीरिया में इंटेरोगेशन और बलात्कार को कम करने के लिए कोई कड़े कदम नहीं उठाए गए हैं। वहीं सीरिया की एक महिला वकील ने अपनी आपबीती भी बताई है।
बसीमा ने बताया कि उसे आतंकियों की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वहीं उनका दावा है कि वह लोगों को फर्स्ट एड की ट्रेनिंग दे रही थीं लेकिन उनकी बात नहीं मानी गई। जब उन्हें जेल में बंद किया तो उन्हें रोज टॉर्चर किया जाता था। बसीमा को सरकार और आतंकियों के बीच हुए एक सौदे के जरिए बचाया गया था जिसमें सीरियन सरकार ने कुछ आतंकियों को छोड़ने की मांग को पूरा किया था। बसीमा की तरह ही कई केसिस सामने आए हैं। वहीं रिपोर्ट ऐसे समय पर आई है जब जिनीवा में दुनिया की सभी बड़ी ताकतें सीरिया में शांति बहाली की कोशिश करेंगे।
वहीं इससे पहले भी एमनेस्टी इंटरनेशनल ने एक रिपोर्ट दी थी जिसमें यह पाया गया था कि सीरिया में एक ही जेल में लगभग १३ हजार लोगों को जानवरों की तरह रखा गया था। आखिरी बार सीरिया को लेकर यूएन की बातचीत अप्रेल २०१६ में हुई थी। गौरतलब है २०१४ में सीरिया पर आतंकी संगठन आईएसआईएस ने अपना कब्जा कर लिया था। आतंकी संगठन के खिलाफ अभी तक लड़ाई जारी है। वहीं लड़ाई में आईएसआईएस की कमर काफी हद तक तोड़ दी गई है। सीरियाई सुरक्षा बलों ने आईएसआईएस के कब्जे से मोसुल शहर को आजाद करा लिया है।
स्त्रोत : जनसत्ता