कार्तिक कृष्ण पक्ष द्वितीया, कलियुग वर्ष ५११६
गंदिगवाड (जनपद बेलगाव) – ३ अक्तूबरको गंदिगवाड गांवके पार्श्वनाथ सभागृहमें गंदिगवाड तथा आसपासके ग्रामीण क्षेत्रकी महिलाओं तथा पुरुषोंके लिए गांवके प्रमुख लोगोंद्वारा सत्संगका नियोजन किया गया था । उस समय मार्गदर्शन करते हुए कित्तूरके राजघरानेके पुरोहित पू. मल्लिकार्जुन स्वामीजीने कहा कि आधुनिक उपकरणोंके कारण (भ्रमणभाष, दूरदर्शन, अंतरजाल) हमारा युवा वर्ग भ्रमित हो गया है । स्त्रीके गौरवके स्थानको पुनप्र्रस्थापित करने हेतु उसे शीलवान एवं सदाचारी रहना चाहिए ।
यह कार्यक्रम १०८ श्री वीरसागर मुनि महाराजके (जैन संप्रदाय) चातुर्मासके अंतर्गत आयोजित किया गया था । इस कार्यक्रममें महिला, युवती एवं पुरुष ऐसे कुल मिलाकर लगभग ३५० नागरिक उपस्थित थे । सत्संगके आरंभमें हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा ‘लवजिहाद’के विषयमें विस्तृत जानकारी दी गई । उन्होंने सभी नागरिकोंको यह कुतंत्र रोकने तथा अपनी युवतियें एवं विवाहित महिलाओंकी रक्षा करनेके लिए आगे आनेका आवाहन किया ।
सत्संगमें ‘लवजिहाद’का विषय रखेंगे ! – १०८ श्री वीरसागर महाराज
१०८ श्री वीरसागर महाराजने उपस्थित १५० युवतियोंको ‘लव जिहाद’ ग्रंथ, ध्वनिचित्र-चकती तथा दैनिक सनातन प्रभातका ‘लव जिहाद’ संकटरक्षा विशेषांक निःशुल्क रूपसे वितरित किया । सनातन संस्था, तथा हिन्दू जनजागृति समितिके कार्यकी प्रशंसा कर उन्होंने कहा, ‘इस कार्यके लिए मेरा अखंड आशीर्वाद है । अपने सभी प्रवचनोंमें यह विषय मैं प्राधान्य रूपसे प्रस्तुत करुंगा ।’ ऐसा भी उन्होंने कहा । इस सत्संगमें सनातन संस्थाके श्री. अक्षय भंडारी एवं हिन्दू जनजागृति समितिके कार्यकताओंको धर्मचिह्नांकित वस्त्र, श्रीफल एवं स्मृतिचिह्न देकर १०८ श्री अमित सागर मुनि महाराजके हाथों सम्मान किया गया ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात