शिवजयंती के उपलक्ष्य में नई मुंबई में विविध उपक्रमों का आयोजन
नई मुंबई : आज हिन्दुओं की दु:स्थिति को देख कर अनेक लोग कहते हैं कि, ‘छत्रपति शिवाजी राजा को पुनः जन्म लेना चाहिए !’, किंतु छत्रपति शिवाजी महाराज को पुन्हा जन्म लेने हेतु और एक जिजाऊ सिद्ध होनी चाहिए। जब जिजाऊ गर्भवती थी, तब उन्हें धनुषबाण भाला एवं तलवार लेकर रणांगण पर जाना, गढ-किलों पर विजय पाना, बाघ पर बैठना ऐसे दोहद हो रहे थे। इसलिए उनके पेट में छत्रपति शिवाजी महाराज समान तेजस्वी, शौर्यशाली तथा महान राजा का जन्म हुआ !
वर्तमान में, महिलाओं को स्त्री-पुरुष समानता चाहिए, मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश चाहिए तथा तने वस्त्र परिधान करने की सुविधा चाहिए। आज कोई भी महिला ऐसा नहीं कहती कि, ‘मुझे शिवाजी राजा के समान पुत्र चाहिए !’ जब तक महिलाओं की ऐसी मानसिकता में परिवर्तन नहीं होता, तब तक शिवाजी महाराज जन्म नहीं लेंगे !’ हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. सुमित सागवेकर ने ऐसा प्रतिपादित किया। ‘शिवचरित्र’ व्याख्यान में वे बोल रहे थे।
कोपरखैरणे के सेक्टर-७ में ज्ञानेश्वर माउली ओनर्स एसोसिएशन की ओर से शिवजयंती उत्सव का आयोजन किया गया था। एसोसिएशन के नई मुंबई के समन्वयक श्री. योगेश मोरे एवं श्री. सुरेंद्र भोसले के मार्गदर्शन में इस वर्ष प्रथम ही आयोजित शिवजयंती उत्सव के उपलक्ष्य में ‘शिवज्योत शोभायात्रा’ एवं ‘शिवचरित्र’ व्याख्यान का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर श्री. सुमित सागवेकर ने शिवजयंती तिथि के अनुसार मनाने का महत्त्व विशद किया।
श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान की ओर से ‘शिव आरती’ एवं ‘शिवचरित्र’ व्याख्यान
श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान के नई मुंबई समन्वयक श्री. भरत माळी तथा धारकरी श्री. स्वप्निल यादव के साथ अन्य धारकरियों ने नई मुंबई में शिवजयंती उत्सव मनानेवाले मंडलों में जाकर छत्रपति शिवाजी महाराज की आरती गाई एवं शिवचरित्र पर व्याख्यान दिए।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात