उत्तर प्रदेश : बरेली में धर्मांध युवकोंद्वारा छेडखानी से परेशान बेटियों का कॉलेज जाना बंद

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कॉलेज आते-जाते छेडखानी की घटनाओं से परेशान उत्तरप्रदेश के बरेली के मीरगंज क्षेत्र की तमाम छात्राओं ने कॉलेज जाना बंद कर दिया है। लभेड़ा दुर्गाप्रसाद और रम्पुरा गांव से गरीब परिवारों की ६० बेटियां दहशत में गुरुवार को पढ़ने नहीं गईं। पता होते ही एसडीएम-सीओ दौड़े-दौड़े गांव पहुंचे और सुरक्षा का भरोसा देकर छात्राओं से पढ़ाई नहीं छोड़ने की अपील की। वहीं, गांववालों ने ऐलान किया है कि जब तक कॉलेज के रास्ते में जगह-जगह पुलिस तैनात नहीं होगी, उनकी बेटियां पढ़ने नहीं जाएंगी।

आसपास कॉलेज नहीं होने की वजह से लभेड़ा, रम्पुरा सहित बीस से अधिक गांव की लड़कियां दस किमी दूर मीरगंज के संत मंगलपुरी, दिव्य कृपाल, ब्रह्मादेवी और राजेन्द्र प्रसाद इंटर कॉलेज में पढ़ने जाती हैं। छात्राओं का कहना है कि रास्ते में पड़नेवाले एक गांव के लड़के अक्सर कॉलेज जातीं छात्राओं से छेडखानी करते हैं।

मंगलवार को धर्मांध युवकों ने एक छात्रा से छेड़खानी करते हुए संत मंगलपुरी कॉलेज के अंदर तक घुस गए थे। शिक्षकों ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर आरोपियों को कैंपस में घेर लिया था और पीटकर पुलिस को सौंप दिया था। पुलिस ने आरोपी दियोरिया निवासी शानू और जीशान को रिपोर्ट दर्ज जेल भी भेज दिया था। इसके बाद भी इलाके में दहशत कम नहीं हुई। लभेड़ा गांव की पीड़ित छात्रा तो उसी दिन से कॉलेज नहीं जा रही थी। अनहोनी की आशंका के चलते लभेड़ा दुर्गा प्रसाद और रम्पुरा से गुरुवार को ६० और छात्राएं कॉलेज नहीं गईं।

गरीब बेटियों की पढ़ाई पर संकट

गांववालों के अनुसार, कॉलेज जाना बंद करनेवालीं सभी बेटियां गरीब परिवारों की हैं। वैसे तो क्षेत्र से टैम्पो भी मीरगंज जाते हैं किंतु एक बच्चे का किराया ५०० रुपये महीना होता है। गरीब परिवार इतना पैसा खर्च नहीं कर सकते, इसलिए उनकी बेटियां साइकलों से दस किमी दूर मीरगंज के कॉलेजों में जाती हैं। उन्हीं लड़कियों के साथ छेड़खानी की घटनाएं होती हैं।

टेंशन में प्रशासन, अधिकारी पहुंचे गांव

लभेड़ा और रम्पुरा गांव की बेटियों के कॉलेज जाना बंद करने की खबर दोपहर में जैसे ही प्रशासन को लगी तो एसडीएम मीरगंज अर्चना द्विवेदी, सीओ गिरीश कुमार पुलिस के साथ गांव पहुंच गए और छात्राओं के साथ उनके परिवारों से बात कर सुरक्षा का भरोसा दिया। हालांकि गांववालों ने अफसरों से साफ कह दिया कि जब तक कालेज जानेवाले रास्ते पर जगह-जगह पुलिस बंदोबस्त नहीं होगा, वो अपनी बेटियों को खतरे में नहीं डालेंगे।

शिकायतों को दबाती रही है पुलिस

भारतीय किसान यूनियन के तहसील अध्यक्ष एवं लभेड़ा गांव के रहनेवाले निहाल सिंह वर्मा का कहना है कि छात्राओं के साथ छेड़खानी की घटनाएं लगातार होती रही हैं। लोग पुलिस से शिकायत करते हैं किंतु उनकी बात दबा दी जाती है। इसी वजह से शोहदों के हौसले बढ़े हुए हैं और वे कॉलेज जाने वाली बेटियों को परेशान करते हैं। पुलिस-प्रशासन ने अब भी कड़े इंतजाम नहीं किए तो मजबूरन गांववालों को मोर्चा संभालना पड़ेगा।

स्त्रोत : लाइव्ह हिन्दुस्थान

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