जर्मनी के एक उच्च विद्यालय ने मुस्लिम छात्रों के खुले आम नमाज पढ़ने, वजू करने और जानमाज (छोटी चटाई या कालीन) के उपयोग पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। रिपोर्ट के अनुसार पश्चिमी जर्मनी के वुपरताल स्थित विद्यालय ने फरवरी में अपने स्टाफ को चिट्ठी लिखकर मुसलमान छात्रों द्वारा विद्यालय परिसर में नमाज पढ़ने की सुचना देने के लिए कहा।
विद्यालय के प्रवक्ता ने गुरुवार ( दो मार्च) को डीपीए न्यूज एजेंसी से कहा विद्यालय के टीचर और छात्र मुस्लिम छात्रों के आचरण के कारण से दबाव अनुभव करते थे। रिपोर्ट के अनुसार विद्यालय प्रवक्ता ने कहा, पिछले कुछ समय से ये साफ दिख रहा था मुस्लिम बच्चे दूसरों के सामने ही प्रार्थना कर रहे हैं, बाथरूम में वजू (हाथ-पैर धोना) कर रहे हैं, सबके सामने अपने जानमाज को लपेटते थे, अपने शरीर को एक खास मुद्रा में मोड़ते थे। विद्यालय में इसकी अनुमति नहीं है।
नगरपालिका अधिकारियों ने कहा कि विद्यालय को बच्चों को इससे रोकने का अधिकार है। हालांकि स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि वो विद्यालय के निर्णय के साथ है।
स्त्रोत : जनसत्ता
हमारे हिंदूस्तान में भी तो यही भौंरा है।।।