नई मुंबई में मराठी राजभाषा दिवस संपन्न !
सानपाडा : हिन्दू धर्म की पुनर्स्थापना करने हेतु छत्रपति शिवाजी महाराज ने उर्दू एवं पारसी भाषिक शब्दों को राजव्यवहारकोष से हटा दिया था। यही बात स्वातंत्र्यवीर सावरकरजी के भी समझ में आयी थी। इसलिए छत्रपति शिवाजी महाराज एवं स्वातंत्र्यवीर सावरकर मराठी के थोर समर्थक हैं ! मराठी राजभाषा दिवस के उपलक्ष्य में डॉ. उदय धुरी ने ऐसा प्रतिपादित किया। वे, यहां के एक विख्यात महाविद्यालय में मराठी राजभाषा दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
महाविद्द्यालय के युवकों ने, महाविद्यालय में राजभाषा दिवस मनाने की अनुमति मांगने पर भी अध्यापकों ने उसे नकार दी। इसलिए युवकों ने महाविद्यालय के बाहर राजभाषा दिवस मनाने का निर्णय लिया। अक्षय काळे नामक ने दायित्व लेकर कार्यक्रम की रूपरेखा निश्चित की। श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान, हिन्दू महासभा, हिन्दू राष्ट्रसेना तथा हिन्दू जनजागृति समिति जैसे संघटनों ने भी उस में सहभाग लिया। शिवस्मारक से कार्यक्रम का आरंभ हुआ। भगवा ध्वज फहराते हुए एक दौड निकाल कर बेलापुर किले पर कार्यक्रम की परिसमाप्ति की गई।
भग्नावस्था में रहनेवाले ऐतिहासिक किले की ओर शासन का ध्यान आकर्षित कर उसकी उचित देखभाल हो, यही इसके पीछे का उद्देश्य था !
हिन्दू महासभा के श्री. मंगेश म्हात्रे ने ध्वजारोहण किया एवं नई मुंबई मंदिर समिति के श्री. लालचंद भोईर ने श्री छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को पुष्पहार समर्पित कर वंदन किया। इस अवसर पर हिन्दुत्वनिष्ठ श्री. आशु दळवी ने भी मार्गदर्शन किया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात