स्वातंत्र्यवीर सावरकरजी के आत्मार्पण दिवस के उपलक्ष्य में आदरांजली कार्यक्रम
सातारा : स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकरद्वारा रत्नागिरी में किया गया समाजसुधार का कार्य अविस्मरणीय है। उन्होने हिन्दू समाज में स्थित अनेक अनिष्ट रुढियां, प्रथा तथा परंपराओं के विरोध में लडाई कर अनिष्ट रुढियों का उच्चाटन करने का महान कार्य किया !
भाषा एवं लिपि शुद्धि कर मराठी भाषा को समृद्ध किया। भारत से अलग हुए पाकिस्तान को पुनः भारत में समाविष्ट कर ‘अखंड हिन्दुस्थान’ करना यह स्वातंत्र्यवीर सावरकरजी का ध्येय था। उनके इस ध्येय को साकार करने का कार्य पूर्ण करने की आवश्यकता है। यही स्वातंत्र्यवीर सावरकरजी को खरी आदरांजली सिद्ध होगी ! हिन्दू महासभा के महाराष्ट्र प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता श्री. गोविंद गांधी ने ऐसा प्रतिपादित किया। अखिल भारत हिन्दू महासभा एवं विविध हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की ओर से यहां के मोती चौक पर स्वातंत्र्यवीर सावरकरजी के आत्मार्पण दिवस के उपलक्ष्य में आदरांजली कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर वे बोल रहे थे।
इस अवसर पर हिन्दू महासभा के जिलाध्यक्ष सर्वश्री अधिवक्ता दत्ता सणस, शंकरराव नारकर, मुकुंद उरणे, धनराज जगताप, दयानंद दिघे, दीपक भुजबळ, भाऊराव स्वामी, हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. हेमंत सोनवणे, सनातन संस्था के श्री. राहुल कोल्हापुरे, ज्येष्ठ लेखक एवं राष्ट्रीय कांग्रेस के सातारा जिला प्रधान सचिव श्री. जगन्नाथ शिंदे आदि मान्यवर उपस्थित थे।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात