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धार्मिक बातोंपर प्रतिबंध लगानेवाला (अंध)श्रद्धा निर्मूलन कानून सदाके लिए निरस्त करें !

मार्गशीर्ष कृ. २, कलियुग वर्ष ५११४

गुहागरमें हिंदू जनजागृति समितिकी ओरसे तहसीलदारोंको निवेदन

गुहागर, २८ नवंबर (संवाददाता) – देव, धर्म न माननेवाले कुछ नास्तिकतावादी एवं नक्सलवादी आंदोलनकारियोंसे संबंधित संगठनोंके दबावमें आकर सरकार नाममात्र (अंध)श्रद्धा निर्मूलन कानून जारी करनेका प्रयास कर रही है । हिंदू जनजागृति समितिकी ओरसे मांग की जा रही है कि धार्मिक बातोंपर प्रतिबंध लगानेवाला प्रस्तावित (अंध)श्रद्धा निर्मूलन कानून सदाके लिए निरस्त करें । ऐसा निवेदन तहसीलदार जीवन कांबळेको दिया गया । इस अवसरपर ह.भ.प. मोहनशेठ संसारे, जनपद परिषदके भूतपूर्व उपाध्यक्ष श्री. प्रशांत शिरगांवकर, शिवसेनाके श्री. मंगेश पवार, विश्व हिंदू परिषदके श्री. गजानन दीक्षित, गुहागरके भूतपूर्व सरपंच श्री. गजानन वेल्हाळ, सतीश शेट्ये, हिंदू जनजागृति समितिके श्री. रवींद्र संसारे, सनातन संस्थाके आधुनिक वैद्य श्रीकृष्ण बेलवलकर, श्री. गुरुनाथ कारेकर, श्री. बाबा देवळेकर आदि हिंदुत्वनिष्ठ उपस्थित थे ।

इस निवेदनमें बताया है, ‘अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून नरबली एवं अनिष्ट प्रथाओंके निर्मूलन हेतु है, ऐसा आभास निर्माण किया जा रहा है; परंतु सखोल अभ्यास करनेपर प्रत्यक्षमें यह बात ध्यानमें आई है कि इस कानूनमें अधिकतर व्यवस्था धार्मिक बातोंपर प्रतिबंध लगानेकी है । वर्तमानमें अंधश्रद्धा निर्मूलनके लिए जो कानून हैं उनके आधारपर अनेक अपराधियोंको आजीवन कैद एवं फांसी जैसे दंड हुए हैं । पुलिसने भी यह बताया है कि वर्तमानके कानून सक्षम हैं ।

पुलिसकी टिप्पणीके अनुसार अंधश्रद्धाके नामपर हो रहे अपराधोंकी संख्या अन्य अपराधोंकी तुलनामें अत्यंत अल्प है । जो कानून अस्तित्वमें हैं यदि वे ही कार्यान्वित नहीं हो रहे हैं, तो नए कानूनकी क्या आवश्यकता है ? धार्मिक बातोंपर आपत्ति निर्माण करनेवाले इस कानूनको सभी वारकरी, धार्मिक संगठन, संस्था एवं अन्य संप्रदायोंका तीव्र विरोध है।’’

स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात

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