चितौडगढ के कांचों में अल्लाहुद्दीन खिलजी को रानी पद्मिनी की झलक दिखाने का बताया जा रहा था झूठा इतिहास !
चित्तौडगढ : राजस्थान के १३वीं शताब्दी के चित्तौडगढ किले में रविवार की रात करणी सेनाके कार्यकर्ताओं ने तोडफोड की और रानी पद्मिनी महल के आईने तोडे गए। कार्यकर्ताआें ने आक्रमण की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि, उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी थी कि महल के आईने हटा दिए जाएं क्योंकि यह राजपूत रानी पद्मिनी की कहानी को गलत ढंग से प्रस्तुत करते हैं।
बता दें कि पद्मिनी महल के शीशे, पर्यटकों को दिखाने के लिए लगाए गए हैं और बताते हैं कि किस तरह रानी के पति राणा रतन सिंह से समझौता करने के बाद मुसलमान राजा अलाउद्दीन खिलजी को शीशे में रानी का चेहरा दिखाया गया था। तोडफोड करने के मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। करणी सेना का कहना है कि रानी का चेहरा कभी भी खिलजी को दिखाया ही नहीं गया और उस दौर में शीशे हुआ ही नहीं करते थे। चित्तौड़गढ़ किले को भारतीय पुरात्तत्व सर्वेक्षण विभाग ने धरोहर का दर्जा दिया है।
इससे पहले करणी सेना ने फिल्मकार संजय लीला भंसाली के साथ मारपीट की थी क्योंकि वह रानी पद्मिनी पर फिल्म बना रहे हैं।करणी सेना का आरोप था कि भंसाली की फिल्म में रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के बीच प्रेम दिखाया गया है।
स्त्रोत : एनडीटीव्ही