अमेरिका के प्रभावशाली सांसद एड रॉयस ने पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैय्यबा जैसे आतंकी संगठनों पर कड़ी कार्रवाई करने और देश में जिहादी तालीम देनेवाले ६०० देवबंदी मदरसों को बंद करने पर गंभीरता से सोचने की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि, अमेरिकी संसद ‘कांग्रेस’ और ट्रंप प्रशासन को लगता है कि, इन विद्यालयों में आतंकवादियों के लिए जमीन तैयार की जा रही है।
सांसद एड रॉयस अमेरिका की प्रभावशाली विदेशी संबंध समिति के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने वाशिंगटन स्थित यूएस कैपिटोल में नई देहली के थिंक-टैंक ‘विवेकानंद इंटनेशनल फाउंडेशन’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि, ‘मेरे विचार में, पाकिस्तान को देवबंदी मदरसों को बंद करने के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए। ऐसे लगभग ६०० मदरसे हैं जो लोगों को बरगलाते हैं और ये लोग या तो जिहाद के पक्ष में दलीलें देते रहते हैं या जिहाद करते हैं।’ उन्होंने कहा कि, जिन विद्यालयों में जिहादी सोच का प्रशिक्षण दिया जाता है वहां आतंकवादी तैयार होने की आशंका बढ़ जाती है।
लश्कर-ए-तैयबा जैसे समूहों पर कार्रवाई की आवश्यकता
अमेरिकी विदेश संबंध समिति के अध्यक्ष ने कहा कि, ‘पाक को लश्कर-ए-तैय्यबा जैसे समूहों पर कार्रवाई करने के साथ ऐसे परिसरों को भी बंद करने की आवश्यकता है। पाकिस्तान को यह समझना होगा कि, यदि वह आतंकवादी हमलों के दोषियों को न्याय के कटघरे में नहीं ला पाता है तो उसे ऐसे दोषी को ‘हेग’ को सौंप देना चाहिए, ताकि अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण में उनके विरुद्ध सुनवाई हो सके।’ भारत एवं भारतीय अमेरिकियों पर कांग्रेशनल कॉकस के संस्थापक सदस्य रॉयस ने कहा कि, कांग्रेस और नया प्रशासन कुछ नए मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
स्तोत्र : अमर उजाला