मार्गशीर्ष कृ. ४, कलियुग वर्ष ५११४
‘वैलेंटाईन डे’को देशसे निकालकर बाहर फेंक देंगे ! – पू. आसारामबापूजीकी उपस्थितिमें संतोंका निर्धार
कहां हिंदू संतोंके समारोहमें अपने आप उपस्थित रहनेवाले लाखों धर्मप्रेमी हिंदू, तो कहां पैसे देकर भीड एकत्र करनेवाले भ्रष्ट राजनेता !
‘प्रेरणा सभा’के लिए ४ लाख हिंदुओंका समुदाय
उपस्थित जनसमुदाय एवं व्यासमंचपर दाईं ओरसे पू. आसारामबापूजी एवं मान्यवर पू. आसारामबापूजीका सनातनपर विशेष प्रेम !
सभाके स्थानपर सभाके आयोजकोंने सभी वक्ताओंसे प्रार्थना की, ‘‘सर्व वक्ताओंको उनके मत प्रदर्शित करनेके लिए समय देना संभव नहीं है । हमें क्षमा करें ।’’ ७ वक्ताओंके भाषण होनेपर सूत्रसंचालकने सभा समाप्त होनेकी घोषणा कर दी । अंतमें आभार प्रदर्शनीमें सनातन संस्थाका आभार व्यक्त करने हेतु सनातनका नाम उच्चारते ही पू. बापूजीने ध्वनिवर्धकपर स्वयं ही बताया, ‘‘सनातनको बोलने दीजिए !’’ सूत्रसंचालकने बताया, ‘‘सभाको देर हो गई है, कृपया २ मिनटतक ही बोल सकते हैं ।’’ इसपर पू. बापूजीने बताया, ‘‘नहीं, आप अपना कहना पूरा करें । ५-६ मिनट लगेंगे तो भी चलेगा’’ सनातन संस्थाके वक्ताने ‘‘हिंदू राष्ट्र ही सर्व समस्याओंका उत्तर है’’, ऐसे बतानेपर पू. बापूजीने ‘‘अरे वाह !’’, ऐसे उद्गार कहे । साथ ही सनातन संस्थाके प्रवक्ता श्री. अभय वर्तकका भाषण पूर्ण होनेके पश्चात पू. बापूजीने उठकर सनातनकी प्रशंसा की ।
बडोदरा (गुजरात) – बडोदरा शहरमें संत पू. आसारामबापूजीके आशीर्वादसे एवं उनकी उपस्थितिमें २७ नवंबरको ‘प्रेरणा सभा’का आयोजन किया गया था । उस समय भारतसे ‘वैलेंटाईन डे’को निकालकर बाहर फेंक दें । उसके स्थानपर ‘मातृ-पितृ दिन’ मनानेका निर्धार उपस्थित संत एवं विभिन्न प्रतिनिधियोंने ४ लाख हिंदुओंकी उपस्थितिमें व्यक्त किया । इस प्रेरणा सभाका आयोजन ‘अभियान भारत जागृति मोर्चा’की ओरसे किया गया था । इस सभाके लिए महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान एवं गुजरात, इन राज्योंके संत एवं विभिन्न हिंदुत्वनिष्ठ संगठनोंके प्रतिनिधि ऐसे २५ जन व्यासमंचपर उपस्थित थे । इस कार्यक्रममें महामंडलेश्वर रामगिरी महाराज, स्वामी श्री चेतनानंदगिरी महाराज, प.पू. श्री बटुकगिरीजी महाराज, सातारके पू. साईकिरण महाराज, स्वामी घनःश्याम महाराज, श्रीराम सेनाके अध्यक्ष श्री. प्रमोद मुतालिक, ‘हिंदू वॉईस’के संपादक श्री. दैवमुथ्थु, सनातन संस्थाके श्री. अभय वर्तक, साथ ही अन्य वंदनीय संतोंकी उपस्थिति थे । पू. आसारामबापूजीने बताया, ‘‘वैलेंटाईन डे’ने भारतमें युवक और युवतियोंका जीवन उद्ध्वस्त किया है । इससे संस्कृति नष्ट हो रही है । किसीको भी यह नहीं लगता है कि अपनी बेटीका जीवन उद्ध्वस्त हो । मेरे भक्त ईसाई हैं, मुसलमान हैं, वे भी ‘वैलेंटाईन डे’के विरोधमें हैं । श्रीगणेशने अपनी मांके सात फेरे लगाए और उन्हें पृथ्वीके फेरे लगानेका फल प्राप्त हुआ । इतना महत्त्व मातृपूजनको है; इसलिए ‘वैलेंटाईन डे’के स्थान सभी मातृ-पितृ दिन मनाएं ।’’
छत्तीसगढके प्रमुखनेताने ‘वैलेंटाईन डे’के दुष्परिणामोंकी गंभीरता ध्यानमें लेकर अपने राज्यमें प्रतिबंध लगाया । इसलिए उस समय पू. बापूजीने प्रमुखनेता डॉ. रमण सिंहका अभिनंदन किया और आवाहन किया कि अन्य राज्य भी उनसे आदर्श लें ।
हिंदू राष्ट्रकी स्थापना, यह ही सर्व समस्याओंका समाधान ! – अभय वर्तक, सनातन संस्था
भगत सिंह, सरदार वल्लभभाई पटेल, लोकमान्य तिलकने विदेशी बातोंको विरोध किया, इसलिए हम स्वतंत्र हैं । हमें मान-सम्मानसे जीवन जीना संभव हुआ है; परंतु आज हम इन क्रांतिकारियोंके जन्मदिन भुलाकर ‘वैलेंटाईन डे’ मना रहे हैं । ‘वैलेंटाईन डे’का अर्थ क्या है, इसे मनानेवाले भी नहीं जानते हैं । ‘वैलेंटाईन’ नामक कोई संत हुए ही नहीं, ऐसे रोमन वैâथलिक चर्चने घोषित किया है । ‘वैलेंटाईन डे’के कारण हमारी बहन-बेटियोंका जीवन उद्ध्वस्त हो रहा है । केवल इस दिन ही नहीं, अपितु लगभग प्रत्येक घर ही पूर्णरूपसे ‘पाश्चात्य’ होनेके मार्गपर है । इसका मूल कारण है धर्मशिक्षाका अभाव । धर्म शिक्षा सरकारद्वारा दी जानी चाहिए, परंतु वह शासनद्वारा नहीं दी जा रही है । पू. बापूजीद्वारा धर्मशिक्षा मिली है, अत: हमपर उनके अनंत उपकार हुए हैं । इसलिए कृतज्ञताके रूपमें हम हिंदू राष्ट्रकी स्थापना करने हेतु प्रयास करेंगे । ऐसे हिंदू राष्ट्रकी स्थापना करेंगे जहां संतोंका अनादर नहीं, अपितु केवल सम्मान ही होगा । ‘वैलेंटाईन डे’पर प्रतिबंध लगाया जाएगा और सभी स्थानोंपर मातृ-पितृ दिन मनाया जाएगा ।
गोवामें हुए अखिल भारतीय हिंदू अधिवेशनकी सूचना पुस्तिका पू. बापूजीको दी गई और बताया कि, आगेका अधिवेशन उत्तर भारतमें होगा । उसपर पू. बापूजीने बताया कि, ‘‘उत्तर भारतमें होनेवाले अधिवेशनकी तारीख मुझे बता दीजिए, मैं आनेका प्रयास करूंगा । अन्यथा हमारा प्रतिनिधि तो निश्चित ही आएगा ।’’
ईसाई षडयंत्रका डटकर सामना करनेकी आवश्यकता – प्रमोद मुतालिक
१. श्रीराम सेनाके श्री. प्रमोद मुतालिकने घोषित किया कि, ‘‘श्रीराम सेना सहस्रों कार्यकर्ताओंको लेकर कर्नाटकमें पू. बापूजीके आदेशके अनुसार मातृ-पितृदिनका आयोजन करेगी ।’
२. उन्होंने यह भी बताया कि श्रीराम सेना ‘वैलेंटाईन डे’का विरोध कर रही है । इसलिए कर्नाटकका भाजपा सरकार श्रीराम सेनाके कार्यकर्ताओंको १२ फरवरीको ही बंदी बनाकर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करती है ।
३. प्रमोद मुतालिकने कहा कि ईसाई षडयंत्रका डटकर सामना करनेकी आवश्यकता है ।
स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात