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पाश्‍चात्त्यों का अंधानुकरण करना बन्द कर धर्माचरण करें – कु. माधवी चोरे, रणरागिणी शाखा

हिन्दू जनजागृति समिति प्रणित रणरागिणी शाखा की ओर से मार्गदर्शन

कु. माधवी चोरे के मार्गदर्शन का लाभ लेती हुई महिलाएं

यवतमाळ (महाराष्ट्र) : यहां की रणरागिणी शाखा की ओर से भारी गांव में ‘जागतिक महिला दिवस’ के उपलक्ष्य में महिलाओं के लिए मार्गदर्शन का आयोजन किया गया था।

इस अवसरपर रणरागिणी शाखी की कु. माधवी चोरे ने कहा कि, हमने पाश्‍चात्त्यों का अंधानुकरण करना बन्द कर यदि धर्माचरण किया, तो ही रानी लक्ष्मीबाई, जिजामाता, पुण्यश्‍लोक अहल्याबाई होळकर जैसी महान वीरमाताओं के गुण हममें अंतर्भूत होंगे ! आज सभी लोग दूरचित्रवाणी के धारावाहिकों को देखकर पाश्‍चात्त्यों का अंधानुकरण कर रहे हैं। इससे महिलाओं पर अत्याचार बढे हैं तथा छेडखानी, यौन शोषण एवं बलात्कार जैसी समस्याओं से महिलाएं ग्रस्त हैं। इसपर नियंत्रण करने में शासन असफल रहा है।

ऐसे समय में स्वसंरक्षण प्रशिक्षण लेना, साधना करना और धर्मशिक्षा लेकर धर्माचरण करना आवश्यक है। धर्माचरण के कारण आत्मबल वृद्धिंगत होता है तथा स्वसंरक्षण प्रशिक्षण लेकर संघटित रूप से प्रयास करने से आज महिलाएं किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकती हैं।

इस समय महिलाओं ने अनेक प्रश्‍न पूछकर अपनी शंकाओं का निराकरण करा लिया।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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