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जबरन धर्मांतरण और दूसरे धर्मों के पूजा स्थलों पर आक्रमण करना इस्लाम में अपराध : नवाज शरीफ

यदि एेसा है तो आज पाकिस्तान में हिन्दुआेंकी स्थिती एेसी क्यों है ? स्वतंत्रता के बाद २१ प्रतिशत होनेवाले भारतीय आज मात्र ९ प्रतिशत शेष है, इसका कारण केवल जिहादी आक्रमण आैर धर्मांतरण ही है ! – सम्पादक, हिन्दूजागृति

इस्लामाबाद – पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा है कि, जबरन धर्मांतरण और दूसरे धर्मों के पूजा स्थलों पर आक्रमण करने को इस्लाम में अपराध माना गया है। शरीफ ने यह बात होली पर आयोजित एक समारोह के दौरान कही। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान किसी धर्म के खिलाफ नहीं है और यहां धर्म को लेकर कोई लड़ाई भी नहीं है। (पाकिस्तान में हिन्दुआेंपर हो रहे अत्याचारों को नवाज शरीफ क्या कहेंगे ? – सम्पादक, हिन्दूजागृति)  पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों पर आक्रमण और हिंदू महिलाओं के जबरन धर्मांतरण की कई घटनाएं होती रही हैं।

होली पर हिंदुओं को शुभकामनाएं देते हुए नवाज ने कहा कि कौन स्वर्ग में जाएगा और कौन नर्क में, यह तय करना किसी का काम नहीं है बल्कि पाकिस्तान को धरती का स्वर्ग बनाना असली काम है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को संदेश देते हुए शरीफ ने कहा, ‘इस्लाम में हर व्यक्ती को महत्व दिया गया है, चाहे वह किसी भी जाति, संप्रदाय या धर्म का हो। मैं यह साफ कहना चाहता हूं कि किसी का जबरन धर्मांतरण करवाना अपराध है और यह हमारा फर्ज है कि हम अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा करें।’ (तो अब जल्द हिन्दुआेंकी सुरक्षा हेतु सक्त कदम नवाज शरीफ ने उठाने चाहिए – सम्पादक, हिन्दूजागृति)

शरीफ ने स्वीकार किया कि कुछ लोगों ने धर्म के आधार पर लोगों को बांटने की कोशिश जरूर की है, पर पाकिस्तान में हर इंसान को अपना धर्म मानने की छूट है। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान इसलिए अस्तित्व में नहीं आया कि वह किसी धर्म के खिलाफ था। पाकिस्तान में किसी धर्म को छोटा या कम समझना गलत है। मैं ऐसा पाकिस्तान चाहता हूं जहां हर धर्म के लोगों के लिए समान अवसर हों और वे खुद को और अपने परिवार को एक अच्छी जिंदगी दे सकें। पाकिस्तान में सभी के लिए शांति और सुरक्षा हो।’

पाकिस्तान के ग्रामीण इलाकों में हिंदू महिलाओं के अपहरण और जबरम धर्मांतरण की घटनाएं होती रही हैं। हालांकि पिछले दिनों हिंदू महिलाओं के जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए पाकिस्तान में हिंदू मैरेज ऐक्ट पास किया गया था, किंतु फिर भी ऐसी घटनाएं पूरी तरह रुकी नहीं हैं।

स्त्रोत : नवभारत टाइम्स

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