कार्तिक कृष्णपक्ष तृतीया, कलियुग यर्ष ५११६
पुणे – यहांके न्यू इग्लिश स्कूल, तिलक रस्ताके मैदानपर आयोजित सभामें शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरेने प्रखर रूपसे प्रतिपादन करते हुए कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराजने आदिलशहाके दरबारमें अभिवादन करना अस्वीकार करते हुए कहा कि मेरी गर्दन बादशहाके समक्ष नहीं, अपितु मां, गुरु एवं देवी-देवताओंके सामने झुकेगी । उसीप्रकार हमारी गर्दन देहलीके सामने नहीं, अपितु छत्रपति शिवाजी महाराज, मां एवं जनताके सामने झुकेंगी । आगामी चुनावमें शिवसैनिक बाघनखोंसे अफजलखानका राजनीतिक कोथला बाहर निकालकर दिखाएंगे । उस समय कौन चूहा एवं कौन बाघ है, यह समझमें आ जाएगा । इस समय सांसद गजानन कीर्तिकर तथा पुणे नगरके आठों चुनावक्षेत्रके उम्मीदवार उपस्थित थे ।
श्री. उद्धव ठाकरेने आगे कहा कि..,
१. इसी पूणेमें अंग्रजोंकी कालावधिमें महिलाओंपर होनेवाले अत्याचार सहन न होनेके कारण तीनों चापेकर बंधुओंद्वारा रैंडका वध किया गया । अंतत: तीनों को फांसी दी गई । आज महिलाओंपर अत्याचार होते समय कोई कठोर दण्ड नहीं दिया जाता । कठोर दण्ड कैसा होता है, चापेकर बंधुओंसे यह सीखने एवं विद्याथिर्योंको स्वतंत्रताका महत्त्व समझमें आने हेतु शिवशाही शासनद्वारा क्रांतिकारियोंके पाठ भी टैबके माधयमसे दिए जाएंगे ।
२. गांवके निर्धन विद्यार्थियोंको गांवमें पढनेके लिए महाविद्यालय चालू करेंगे । ये महाविद्यालय पुणे तथा मुंबईके विद्यापीठोंको इंटरनेट द्वारा संलग्न किए जाएंगे । इन विद्यार्थियोंको पुणे, मुंबई विद्यापीठकी पदवी देंगे । इसलिए विद्याका मायका माने जानेवाले पुणेको शैक्षणिक केंद्र बनाएंगे ।
३. शिवसेनाप्रमुख कहते थे कि जनता कानूनके लिए नहीं, अपितु कानून जनताके लिए होता है । जो कानून जनहितमें बाधा उत्पन्न करते हैं, उन्हें शिवशाहीका शासन आनेपर बदल दिया जाएगा ।
४. राज्यमें सत्ता आनेके पश्चात स्थानीय संस्था राजस्व (एलबीटी) निश्चित रूपसे निरस्त करेंगे । उसीप्रकार सभी राजस्वके लिए एक खिडकी योजना भी चालू करेंगे ।
५. मेरे पास सत्ता अथवा पद ऐसा कुछ भी नहीं है; परंतु आज पुणे जनपदमें सम्पन्न ६ सभाओंको मिला प्रचंड प्रतिसाद, उद्धव बालासाहेब ठाकरे, इस नाम एवं परंपराके कारण मिल रहा है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात