गाय ही एक ऐसा प्राणी है जो सांस लेने के दौरान ऑक्सीजन लेती है और ऑक्सीजन छोड़ती भी है। गाय के दूध से बने घी में ४७ प्रतिशत ऑक्सीजन होता है। और गौमूत्र से अगर गन्ने के खेतों की सिंचाई की जाए तो गन्ने लंबे मोटे और ज्यादा मीठे होंगे साथ ही इसमें चीनी की मात्रा भी ज्यादा होगी। शुक्रवार को राज्यसभा में चर्चा के दौरान भाजपा सांसद बासवराज पाटिल ने ये बातें कहीं। राज्यसभा में डीएमके सांसद टी शिवा की ओर से लाए गए प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भाजपा सांसद ने ये बातें कही। डीएमके सांसद टी शिवा देशी नस्ल के गोधन को बचाने के लिए कदम उठाने की मांग कर रहे थे। ये एक निजी सदस्य का प्रस्ताव था। कांग्रेस सांसद बी. के. हरिप्रसाद ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा, ‘ गाय के देशी नस्ल को बचाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए परंतु भैंस और सांड पर भी ध्यान देना चाहिए।’
डीएमके सांसद टी शिवा ने प्रिवेन्शन ऑफ क्रूएल्टी टू एनिमल्स एक्ट-१९६० में संशोधन करने की मांग करते हुए कहा, ‘अगर खेतों में जुताई का काम जानवरों से किया जाए तो डीजल की बचत की जा सकती है, इसके अलावा उन्होंने फसलों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए भी जानवरों के उपयोग की पैरवी की। परंतु कांग्रेस के सांसद जयराम रमेश ने इसका विरोध किया और कहा कि, डीएमके सांसद का प्रस्ताव जल्लीकट्टु को लेकर ज्यादा है ना कि, उनका उद्देश्य देशी नस्ल के जानवरों की रक्षा करना है।
स्तोत्र : जनसत्ता