मनुष्य को होनेवाली बिमारीयों के लिए आज की आधुनिक जीवनपद्धति जिम्मेदार है, यह अनेक बार सिद्ध हुआ है । इसलिए सुखी जीवन हेतु हिन्दु संस्कृती का आचरण करने के बिना कोर्इ विकल्प नहींं, यह ध्यान में लें ! – सम्पादक, हिन्दूजागृति
इंग्लैंड के डेवान जिले में एक दंपति लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल ये दंपति एक बड़े ही अजीब कारण से सुख सुविधाओं वाला जीवन छोड़कर एक छोटी सी झोपड़ी में अपने जीवन के दिन काट रहे है। इस झोपड़ी में बिजली पानी जैसी मूलभूत चीजें भी नहीं हैं। परंतु इसके बाद भी ये लोग बेहद खुश हैं। इनके ऐसा करने के पीछे एक चौंकाने वाला कारण है।
इस दंपति का नाम है एलन और केट बरो। केट एक बहुत ही अजीब बीमारी की चपेट में हैं। उनका कहना है कि, उन्हें आजकल के आधुनिक घर व रोजमर्रा की चीजों से एलर्जी हो गई थी इसलिए वह पति के साथ झोपड़ी में आकर बस गईं। इन दोनों को इस ओपड़ी में रहते हुए लगभग २० महीने हो गए हैं।
केट की समस्या इतनी भयानक है कि, उसे रोजाना उपयोग करने वाली चीजों से भी जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद, वायफाय, शैंपू, साबुन आदि से भी एलर्जी हो गई है। केट के अनुसार, उन्हें इन चीजों और उसके रसायन से दिक्कतें होना शुरू हो गई थीं। इन सभी के बीच रहकर वह लगभग रोजाना बीमार रहती थीं।
अपनी रोज की दिक्कतों से छुटकारा पाने के लिए केट ने शहरी सुख सुविधा की जिंदगी छोड़कर झोपड़ी में रहने का मन बना लिया। उनके इस निर्णय का उनके पति एलन ने भी पूरा समर्थन किया। झोपड़ी में रहने के बाद केट का दावा है कि, यहां के प्राकृतिक वातावरण के बीच उनकी सेहत में सुधार भी हुआ है।
इस झोपड़ी में न तो बिजली की व्यवस्था है और ना ही पानी की। यहां ऑइल बर्नर, सोलर पैनल ही ऊर्जा के विकल्प हैं। दोनों ने लकड़ी, मिट्टी आदि चीजों से छह सप्ताह में घर का निर्माण पूरा किया। केट ने घर के बाहर ही सब्जियां लगा रखी हैं और कई पालतू जानवर भी रखे हैं। हालांकि नॉर्थ डेवॉन परिषद के अनुसार, यह घर नियमों के अनुसार नहीं बना है और इसे तोड़ देना चाहिए।
अपने इस घर को बचाने के लिए एलन और केट ने कानूनी लड़ाई भी शुरू कर दी है। जानकारों के अनुसार, ‘मल्टिपल केमिकल सेंसेटिविटी’ की समस्या किसी भी उम्र के लोगों को जकड़ सकती है। ब्रिटेन में इसके काफी मामले सामने आए हैं। पीड़ितों का दावा है कि, उन्हें शैंपू से लेकर वाई-फाई तक सभी भौतिक चीजों से एलर्जी महसूस होती है। इस समस्या से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता पर असर पड़ता है। विशेषज्ञों ने इसका प्रमुख कारण तनाव बताया है।
स्तोत्र : जनसत्ता