तमिलनाडु के कोयम्बटूर में कुछ जिहादीयों ने एक नास्तिक की गला रेत कर हत्या कर दी। ३१ साल के एच फारुक नाम के व्यक्ती ने फेसबुक पर धर्म और धार्मिक रीति रिवाजों के खिलाफ लिखता था। पेशे से लोहे के स्क्रैप का व्यवसाय करनेवाले फारुक के विचारों से कुछ कट्टरपंथी बेहद खफ़ा थे। कुछ दिनों से फारुक लगातार इस्लाम के खिलाफ पोस्ट डाल रहा था। कोयम्बटूर के दक्षिण उक्कडम का रहनेवाला फारुक द्रविडर विदुथलाई कडगम (डीवीके) नाम के संगठन का सदस्य था। पुलिस के मुताबिक फारुक धार्मिक परंपराओं पर तार्किक विचार रखनेवाले एक व्हाट्सअप ग्रुप का एडमिन था और उसने फेसबुक और व्हाट्सअप पर कुछ ऐसे विचार लिखे थे जो मुस्लिम समुदाय के लोगों को पसंद नहीं आए थे। पुलिस का कहना है कि धर्म का विरोध उसकी हत्या की एक वजह हो सकती है।
पुलिस के अनुसार, गुरुवार की रात ११ बजे दक्षिण उक्कडम स्थित अपने घर से एक फोन कॉल रिसीव करने के बाद बाद फारुक स्कूटर से बाहर निकला, फारुक अभी उक्कडम बायपास के पास पहुंचा ही था कि मोटरसाइकिल पर सवार चार लोगों ने उसे घेर लिया, उसने भागने की कोशिश की किंतु भाग नहीं सका। सड़क पर हंगामे की आवाज़ सुनकर जब कुछ लोग बाहर पहुंचे तब तक हमलावर भाग चुके थे, और फारुक सड़क पर पड़ा हुआ था, उसके शरीर पर गहरे जख्म के निशान थे। कोयम्बटूर के डीसीपी एस श्रवणनन के मुताबिक पुलिस कई जगहों से सीसीटीवी वीडियो निकालकर हमलावरों की तलाश करने में जुटी है। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक फारुक के मोबाइल पर जो सबसे अंतिम कॉल आया था वो वेल्लोर के फर्जी पते से लिये गये एक सिम से किया गया था।
फारुक की हत्या के बाद डीवीके ने प्रदर्शन किया और हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की, इसके बाद अंसत नाम के एक मुस्लिम एक्टिविस्ट ने आत्मसमर्पण कर दिया था अब पुलिस इस व्यक्ती के दावों की जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि धार्मिक वजह के अलावा व्यापार, निजी कारणों पर भी पुलिस की नज़र है जो फारुक की हत्या की एक वजह हो सकती है।
स्त्रोत : जनसत्ता