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मुजफ्फरनगर तिहरा हत्याकाण्ड – हत्यारे असली, खुलासा ‘नकली’

कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी, कलियुग वर्ष ५११६

मुजफ्फरनगर (उत्तरप्रदेश) – बहादरपुर के तिहरे हत्याकांड में पुलिस के हत्थे चढ़े शातिरों से बातचीत के बाद संघर्ष समिति और मृतकों के परिजनों ने खुलासे पर संतुष्टि जताई। हालांकि मौजूद लोगों ने लूट के इरादे से वारदात करने की पुलिस की थ्योरी पर सवाल उठाए। उधर, पुलिस ने हत्यारोपियों को जेल भेज दिया है। पुलिस शातिरों पर अन्य घटनाओं में भी शामिल होने का शक जाहिर कर रही है।

सिखेड़ा थानाक्षेत्र के गांव बहादरपुर में हुए तिहरे हत्याकांड का शुक्रवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया था। शुक्रवार को ही गांव में हुई पंचायत में पकड़े गए बदमाशों से संघर्ष समिति ने बातचीत और पूछताछ के बाद ही खुलासे के सही-गलत होने पर फैसला लेने का ऐलान किया गया। शनिवार को भाकियू के पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष चंद्रपाल फौजी के नेतृत्व में संघर्ष समिति और बहादरपुर के अन्य ग्रामीण मृतकों के परिजनों के साथ सिखेड़ा थाने पहुंचे। यहां पहुंचकर संघर्ष समिति के सदस्यों ने शातिर गुलफाम से पूछताछ की। सूत्रों की मानें तो शातिर गुलफाम ने खुद को दो-तीन हजार रुपये प्रति वारदात देने की बात स्वीकार की। इसके बाद संघर्ष समिति व परिजन नई मंडी कोतवाली पहुंचे। यहां उन्होंने अन्य शातिरों से बातचीत के बाद खुलासे पर संतुष्टि जता दी। भाकियू पउप्र अध्यक्ष चंद्रपाल फौजी ने बताया कि शातिरों ने ही वारदात को अंजाम दिया है। पूछताछ में यही बात निकलकर सामने आई है। उन्होंने कहा कि बहादरपुर के पीड़ित परिजन संतुष्ट हैं तो समाज संतुष्ट है।

गले नहीं उतर रहा हत्या का कारण

घटना में पकड़े गए हत्यारोपियों ने लूट के इरादे से वारदात को अंजाम दिया। यह कहानी किसी के गले नहीं उतर रही है। सिखेड़ा थाने पहुंची संघर्ष समिति व अन्य लोग हत्यारों को तो असली मान रहे हैं, लेकिन पुलिस का बताया कारण समझ से परे है। पुलिस के मुताबिक, घटना लूट के लिए की गई है। ग्रामीण पुलिस की इस थ्योरी को माने को तैयार नहीं कि हत्यारों का निशाना केवल लूट था। संघर्ष समिति के अध्यक्ष चंद्रपाल फौजी ने कहा कि हत्यारे तो असली हैं, लेकिन वारदात का कारण कुछ और है। उन्होंने मांग की कि पुलिस घटना की तह तक जाकर सच्चाई पता लगाए।

जवाब मांगते सुलगते सवाल

सवाल एक : हत्या का कारण लूट है तो किससे कितनी नगदी लूटी और लूटी नगदी कहां है? जबकि एक शव के पास से आठ हजार रुपए जस के तस मिले थे।

सवाल दो : हत्यारे एक साइकिल लूटकर ले गए तो दूसरी साइकिल को खेत में ही क्यों छोड़ गए?

सवाल तीन : बदमाश आमतौर पर सिम को निकालकर फेंक देते हैं, जबकि मोबाइल को साथ ले जाते हैं। इस केस में उल्टा हुआ कि हत्यारे मोबाइल मौके पर ही तोड़कर फेंक गए, जबकि सिम साथ ले गए।

सवाल चार : हत्या यदि लूट के लिए हत्या की गई तो मृतकों की पैंट उतारने की क्या जरुरत थी?

सवाल पांच : मुख्य हत्यारोपी गुलफाम ने बताया कि उसको एक रात के लिए मोहसिन व बुल्ली दो से तीन हजार रुपए देते थे तो उन्हें यह धन कहां से आता था?

सवाल छह : पुलिस के मुताबिक, हत्यारों का निशाना केवल गरीब लोग ही होते थे। यदि हत्याएं लूट के इरादे हुई तो गरीबों को ही क्यों चुना? बदमाश अक्सर मोटा हाथ मारने की फिराक में रहते हैं।

सवाल सात : हत्यारोपी गुलफाम ने बताया कि बहादरपुर में हत्याएं करने के लिए वह छोटा हाथी से गए थे और वह उसके पास ही खड़ा था। वह छोटा हाथी किसका था और कहां है ?

स्त्रोत : जागरण


अद्ययावत


कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी, कलियुग वर्ष ५११६

मुजफ्फरनगर – आतंकी मॉड्यूल ने तिहरे हत्याकांड को अंजाम दिया

लखनऊ – मुजफ्फरनगर के बहादरपुर तिहरे हत्याकांड को अंजाम देने वाले कातिलों को दबोचे जाने के बाद इस वारदात में आतंकी कनेक्शन खुलकर सामने आ गया। पुलिस ने मृतकों की साइकिल बरामद कर ली है। पूरा मामला साइलेंट वार से जुड़ा है। गिरोह में 8-10 लोग हैं। आरोपियों का आतंकी कनेक्शन सामने आ सकता है। पुलिस की एक टीम देहरादून रवाना की गई है।

सिखेड़ा क्षेत्र के बहादरपुर गांव के रास्ते पर पांच दिन पूर्व बहादरपुर निवासी सुरेंद्र, सुंदर और कंवरपाल की नृशंस हत्या कर दी गई थी। वारदात के बाद पूरे क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव फैल गया था। बीती रात मुजफ्फरनगर स्वाट टीम ने वारदात में शामिल दो आरोपियो को शेरनगर गांव के पास दबोच लिया। एक आरोपी देहरादून और दूसरा आरोपी उत्तराखंड के झबरेड़ा थाना क्षेत्र का निवासी बताया गया है। आरोपियों से पूछताछ में साइलेंट वार माड्यूल की बात सामने आई है। पता चला कि आरोपी मुजफ्फरनगर में इसी तरह की वारदात अंजाम देकर दोबारा हिंसा कराना चाहते थे।

आरोपियों के बाकी साथियों की तलाश में कई थानों की पुलिस ने मुजफ्फरनगर में ही कच्ची सड़क पर गुरुवार दबिश दी। चूंकि आरोपियों का संबंध उत्तराखंड से है तो पुलिस की एक टीम को देहरादून और झबरेड़ा रवाना किया गया है। हालांकि अभी इस मामले में पुलिस अधिकारियों ने बोलने से मना कर दिया है, लेकिन जल्द ही पुलिस इस घटना का खुलासा कर देगी।

स्त्रोत : जागरण


११ अक्टूबर २०१४,  कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी, कलियुग वर्ष ५११६

मुजफ्फरनगर में ट्रिपल मर्डर, चार लोग लापता

मुजफ्फरनगर (उत्तरप्रदेश) – यहा के सिखेडा इलाके में धारदार हथियार से 3 लोगों की हत्या कर दी गई है। जानकारी के मुताबिक सिखेडा इलाके के 7 लोग 24 घंटे से गायब थे। इनमें से 3 लोगों की लाश रविवार को सुबह मिली है।

सुत्रों के मुताबिक, युवक गांव के वाल्मीकि वर्ग से हैं। सभी फैक्ट्रियों से ड्यूटी कर रात को लौट रहे थे। ग्रामीणों ने दूसरे समुदाय के लोगों पर हत्या का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि इसी गांव के चार युवक और लापता हैं। वे फैक्ट्रियों से ड्यूटी पूरी करके चले थे। इनकी तलाश के लिए पुलिस, पीएसी और ग्रामीणों ने कांबिंग शुरू की है। उधर, युवकों की बर्बर हत्या से नाराज लोग सडक पर उतर आए हैं। लोगों ने रास्ता जाम कर दिया है।

गौरतलब है कि सिखडे इलाके में पिछले 24 घंटे के अंदर एक ही इलाके से 7 लोग गायब हुए थे। शनिवार देर रात एक-एक करके 3 लोगों की लाश बेहद बर्बरता हालत में बरामत हुई है जिनकी बहुत ही बेरहमी से हत्या की गई है। ये वही लोगों की लाश है जो गायब हुए थे। इस घटना को लेकर लोगों के भारी नाराजगी है। पुलिस बाकी चार लोगों को ढूंढने में जुटी हुई है। अभी तक इस बात का पता तो नहीं चल पाया कि ये हत्या किस वजह से की गई है। उधक सरकार ने भी इम मामले में जल्द से जल्द कारर्रवाई करने के आदेश दिए हैं।

स्त्रोत : खास खबर

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