हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से व्यापक स्तर पर शौर्यजागरण अभियान !
मुंबई : जिन के कारण मंदिरें एवं उसमें स्थित देवताओं की मूर्तियां बच गईं, उन छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती प्रतिवर्ष पूरे राज्य में बड़े हर्षोल्हास के साथ मनाई जाती है। इस निमित्त हिन्दुओं में केवल एक दिन के लिए सीमित शिवतेज जागृत होता है; परंतु दूसरे दिन से वे पुनः ‘धर्मनिरपेक्ष’ बन जाते हैं !
स्वातंत्र्य के पश्चात हमें बडी मात्रा में धर्मनिरपेक्षता के संस्कार दिए गए। कुछ महानुभावोंद्वारा तो प्रत्यक्ष शिवाजी महाराज को भी ‘धर्मनिरपेक्षता’ का लेबल चिपकाया गया उससे वास्तविक शिवाजी महाराज हमारी समझ में ही नहीं आए। अत्यंत प्रतिकूल परिस्थिति में ५ पातशाहियों का निःपात कर उन्होंने ‘हिंदवी स्वराज्य’ की स्थापना की। उन्होंने धर्मसंस्थापना के मार्ग में बाधा बननेवालों को समूल निर्दालन किया !
आज की स्थिति भी उस स्थिति से कोई अलग नहीं है। हिन्दुओं में व्याप्त धर्मतेज का लोप होने से धर्मपर सभी स्तरोंपर आघात हो रहे हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज के पराक्रम का आदर्श सामने रखकर इन आघातों के विरोध में लडने हेतु सिद्ध होना, समय की मांग है। शिवाजी महाराज के पराक्रम से भरा इतिहास केवल पढने के लिए नहीं है, अपितु उसका आचरण करने के लिए है। शिवचरित्र में अंकित हर घटना हिन्दुओं को उनमें व्याप्त सोये हुए स्फुल्लिगं को चेतना देने की ही प्रेरणा देती है। इसलिए हिन्दुओं को शिवचरित्र से प्रेरणा लेकर ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना हेतु कटिबद्ध होना चाहिए। ऐसा आवाहन कर हिन्दू जनजागृति समिति के वक्ताओं ने, हिन्दुओं में व्याप्त सोई हुई चेतना को जगाया !
शिवजयंती के अवसर पर मुंबई के ७ मंडलोंद्वारा हिन्दू जनजागृति समिति के वक्ताओं को ‘शिवजयंती एवं शिवचरित्र’ इस विषयपर व्याख्यान देने हेतु आमंत्रित किया गया था। समिति के वक्ताओं ने अत्यंत प्रभावशाली रूप से विषय प्रस्तुत कर उपस्थित हिन्दुओं को ‘राष्ट्र एवं धर्मजागृति’ के कार्य हेतु प्रेरित किया।
घाटकोपर पश्चिम
१. यहां रणरागिणी शाखा की श्रीमती नयना भगत ने व्याख्यान प्रस्तुत किया। मार्ग से आनेजानेवाले अनेक लोगों ने रुक कर इस व्याख्यान का लाभ उठााया। दोपहिया वाहन से जानेवाले २ जिज्ञासुओं ने यह विषय सुनाई देनेपर उन्होंने अपने वाहन को बाजू में लगाकर पूरा व्याख्यान सुन लिया। उन्होंने ग्रंथों का क्रय कर संकेतस्थल के माध्यम से धर्मजागृति के कार्य में सम्मिलित होने की इच्छा व्यक्त की। लगभग १५० से भी अधिक शिवप्रेमियों ने इस व्याख्यान का लाभ उठाया। इस अवसरपर सभामंडप में समितिद्वारा क्रांतिकारकों की शौर्यगाथा से संबंधित फ्लेक्स प्रदर्शनी भी लगाई गई थी।
२. यहां के ॐ साईराम मित्र मंडलद्वारा आयोजित व्याख्यान में समिति के श्री. सतीश कोचरेकर ने ‘शौर्यजागरण एवं धर्मशिक्षा’ का महत्त्व विशद किया। व्याख्यान की अवधि में उपस्थितोंद्वारा स्वयंस्फूर्ति से घोषणाएं की गईं। व्याख्यान के अंत में मंडल की ओर से श्री. कोचरेकर को शौर्य के प्रतिक के रूप में तलवार भेंट की गई। इस समय ‘जय भवानी’, ‘जय शिवाजी’ की घोषणाओं से पूरा परिसर गूंज उठा ! लगभग ८० शिवप्रेमियों ने इस व्याख्यान का लाभ उठााया। यहां भी समिति की ओर से क्रांतिकारकों की शौर्यगाथा से संबंधित फ्लेक्स प्रदर्शनी लगाई गई थी।
नेरूळ
यहां के, सेक्टर २४ के शिवप्रेमी मंडलद्वारा इस वर्ष पहली बार सार्वजनिक शिवजयंती उत्सव का आयोजन किया गया था। इसके उपलक्ष्य में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर एवं रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया था। समिति के मुंबई जिला प्रवक्ता डॉ. उदय धुरी ने व्याख्यान के माध्यम से उपस्थितों को ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना का महत्त्व विस्तार से विशद किया। इस अवसरपर महाविद्यालयीन छात्रा कु. कोमल झेंडे ने शिवचरित्र में अंकित एक स्वगत को आवेशपूर्ण पद्धति से प्रस्तुत किया। ७० धर्म एवं शिवप्रेमियों ने इस व्याख्यान का लाभ उठाया।
भांडुप पश्चिम
यहां के महाराष्ट्र नगर में दिए गए व्याख्यान में समिति के श्री. प्रसाद वडके ने कहा, ‘‘आज शिवाजी महाराज का पुनः जन्म हो, ऐसा यदि हमें लगता हो, तो पहले महिलाओं को राजमाता जिजाऊ तथा युवाओं को शिवाजी महाराज का सैनिक बनना होगा। युवाओं को सामने होनेवाले ‘खान कंपनी’ का आदर्श दूर होकर उनके सामने शिवाजी महाराज जैसे पराक्रमी वीरों का आदर्श रखा जाना चाहिए। इस व्याख्यान का लाभ ४५ स्थानीय शिवप्रेमियोंने उठाया।
अंधेरी
यहां की शंकरबाडी के ओंकारेश्वर मंदिर न्यास एवं शिवसेना की ओर से आयोजित किए गए शिवजयंती उत्सव के व्याख्यान में समिति के श्री. सुमीत सागवेकर ने आज के विद्यालयीन पाठ्यक्रमों के पुस्तकों में से किस प्रकार से शिवाजी महाराज का अयोग्य इतिहास सिखाया जाता है, इस विषय में उपस्थित शिवप्रेमियों का उद्बोधन किया। स्थानीय ४५ शिवप्रेमियों ने इस व्याख्यान का लाभ उठाया। यहां के स्थानीय शिवसैनिक श्री. गणेश घाडगे ने प्रधानता लेकर इस व्याख्यान का आयोजन किया। शिवसेना उपशाखाप्रमुख श्री. श्रीरंग (बाबा) सावंत इस समय उपस्थित थे।
कुर्ला (पश्चिम)
यहां के कमानी क्षेत्र के संतोषी मंदिर में आयोजित व्याख्यान में समिति के श्री. योगेश शिर्के ने सर्वाजनिक उत्सवों में केवल मनोरंजन हेतु खेलप्रतियोगिताओं का आयोजन करने के स्थानपर युवकों में वीरश्री का संचार करनेवाली प्रतियोगिताओं के आयोजन का महत्त्व समझाया। इस व्याख्यान का ३० शिवप्रेमियों ने लाभ उठाया।
चेंबूर
यहां के घाटला गांव के शिवनेरी मित्रमंडल में आयोजित व्याख्यान में समिति के श्री. नरेंद्र सुर्वे ने कहा, ‘‘जिस प्रकार से छत्रपति शिवाजी महाराज ने श्री जगदंबा का अखंड नामस्मरण करते हुए दुर्जनों के विरोध में लडाई की, उसके अनुसार ही हमें अपनी कुलदेवता का नामस्मरण करते हुए ‘राष्ट्र एवं धर्मजागृति’ के कार्य में झोंक देना चाहिए। इस व्याख्यान का ५० शिवप्रेमियों ने लाभ उठाया।
क्षणचित्र
१. चेंबूर के व्याख्यान में उपस्थित सभी हिन्दुओं ने ‘राष्ट्र एवं धर्मजागृति’ कार्य हेतु प्रतिदिन १ घंटा समय देने का संकल्प किया !
२. व्याख्यान के पश्चात उपस्थित शिवप्रेमियों ने वक्ताओं से मिलकर व्याख्यान प्रेरणादायी होने की बात कही !
३. सभी स्थानोंपर उपस्थित शिवप्रेमियों ने व्याख्यान के अंत तक रुक कर व्याख्यान सुनें !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात