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भक्तों के संघटित विरोध के कारण शिवडी (मुंबई) का हनुमान मंदिर तोडने की कार्रवाई टली !

भक्तोंद्वारा मंदिर पर होनेवाली संभाव्य कार्रवाई के विरोध में न्यायालय में याचिका प्रविष्ट करने का निर्णय !

हिन्दुओं के मंदिरों को अवैध सिद्ध कर उन्हें इतनी तत्परता से तोडने का पराक्रम दर्शानेवाला प्रशासन अवैध मस्जिदें तोडना एवं उन पर दिन में पांच पांच बार बजनेवाले भोंपूओं को उतारने का साहस कभी नहीं दिखाता ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात

मुंबई : महापालिकाद्वारा सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार, शिवडी के टी जे मार्ग पर ७६ वर्ष पूर्व निर्माण कार्य किए गए कलेश्वरनाथ हनुमान मंदिर को अवैध सिद्ध कर उसे तोडने के संदर्भ में नोटिस दी गई थी। इस के अनुसार, २३ मार्च को सवेरे ९ बजे मंदिर तोडा जानेवाला था; परंतु पालिका का पथक मंदिर पर पहुंचने से पूर्व ही सैंकड़ो भक्त मंदिर के सामने संघटित हुए एवं उन्होंने हनुमान एवं श्रीराम का जयघोष किया, जिससे पूरा परिसर गूंज उठा !

भक्तों का तीव्र प्रक्षोभ देख कर पालिका के अधिकारियों ने मंदिर परिसर में जाना ठीक नहीं समझा। इस समय पुलिसद्वारा हस्तक्षेप कर भक्तों को शांति बनाए रखने का आवाहन किया गया।

शिवडी पश्चिम के टी जे मार्ग पर वर्ष १९३१ में मफतलाल इंडस्ट्रीज की ओर से कलेश्वरनाथ हनुमान मंदिर की स्थापना की गई थी। तब से परिसर में एक जागृत देवस्थान के रूप में मंदिर की ख्याति फैली है। इस मंदिर में त्यौहार तथा धार्मिक उत्सव नियमित रूप से एवं उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। इस मंदिर में निरंतर भक्तों की भीड लगी रहती है। मंदिर पर कार्रवाई होगी, यह ध्यान में आते ही २३ मार्च को सैंकड़ो भक्त एवं स्थानीय लोग मंदिर के पास जमा हुए।

अवैध मंदिरों पर कार्रवाई करने के संदर्भ में महापालिका ने ‘अ’ एवं ‘ब’ ऐसी दो सूचि बनाई हैं। वर्ष १९६० से पूर्व निर्माणकार्य किए जानेवाले मंदिरों को ‘अ’ एवं तत्पश्चात के मंदिरों को ‘ब’ सूचि में अंतर्भूत किया गया है। ‘ब’ सूचि के मंदिरों पर पालिका कार्रवाई करेगी। कलेश्वरनाथ हनुमान मंदिर वर्ष १९३१ में बांधा गया है, जिसके सबल प्रमाण हमारे पास हैं। फिर भी पालिका ने मंदिर को ‘ब’ सूचि में अंतर्भूत किया है।

स्थानीय नगरसेवक श्री. सचिन पडवळ ने कहा कि, पालिका के इस निर्णय के विरोध में एवं मंदिर के संदर्भ में कार्रवाई रद्द करने हेतु में हम न्यायालय में याचिका प्रविष्ट करेंगे !’

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात 

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