कार्तिक कृष्णपक्ष पंचमी, कलियुग वर्ष ५११६
अजमेर (राजस्थान) : दरगाह इलाका स्थित नला बाजार में एक होटल के कमरे में बेहोश मिले प्रेमी युगल में से युवती ने शनिवार को होश में आते ही चौंकाने वाले बयान दिए हैं। उसने खुद को हिंदू और प्रेमी को मुस्लिम बताते हुए कहा कि आपसी रजामंदी से दोनों का निकाह हुआ, इसके कुछ दिन तो ठीक चला लेकिन बाद में पति और ससुराल वालों ने जुल्म ढाने शुरू कर दिए। उसे कॉलेज की पढ़ाई बंद करवा दी और बुर्का पहनने पर मजबूर किया जाने लगा।
जबरन इस्लामिक रीति रिवाज अपनाने के लिए दबाव बनाया और मना करने पर मारपीट की गई। इधर, युवती के सभी आरोपों को युवक के परिवारजनों ने निराधार बताया है। हालांकि युवक के पूरी तरह होश में नहीं आने से उसके बयान नहीं हो सके। दरगाह थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस जांच में सामने आया कि मुंबई मालाबार हिल्स निवासी सोनल शर्मा ने वर्ष २०१३ अक्टूबर में युसुफ अंसारी पुत्र महमूद से आपसी सहमति से निकाह किया था। दोनों साथ रह रहे थे। पीहर भी आना-जाना था। युसुफ उसके परिवार का लिविंग स्टैंडर्ड निम्न स्तर का होने से दोनों के बीच दूरी बन गई।
इस वजह से दोनों के बीच मनमुटाव हो गया और धीरे-धीरे प्यार नफरत में बदलने लगा। निकाह के बाद सोनल कई बार पीहर में रही। युसुफ ने भी उससे संपर्क बनाए रखा और उसे वापस सुसराल ले आया। यह क्रम चलता रहा। परेशान होकर आत्महत्या करना तय कर लिया और अजमेर गए। उल्लेखनीय है कि सोनल युसुफ दोनों दरगाह के निकट स्थित एक होटल के कमरे में बेहोश पड़े मिले थे। वह पिछले दस दिनों से उक्त होटल में ठहरे हुए थे।
युसरा (धर्मांतरित नाम) ने लगाए सभी आरोप निराधार – युसुफ के पिता
सीओ शर्मा ने बताया कि युसुफ फिलहाल पूरी तरह बेहोशी से बाहर नहीं आया है, इस वजह से उसके बयान दर्ज नहीं हो सके। इधर, युसुफ के पिता महमूद ने बताया कि यदि युसरा (सोनल का निकाह के बाद बदला गया नाम) को किसी से कोई परेशानी है तो वह अपने माता-पिता के घर जा सकती है। उस पर साथ रहना का जरा भी दबाव नहीं है। युसरा ने युसुफ से सहमति से निकाह किया था। यदि नहीं बन रही तो तलाक ले सकती है। महमूद ने कहा कि युसरा द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर