१० ठेकेदार तथा १५ नगरसेवकों के साथ २८ लोगों के विरोध में अपराध प्रविष्ट
लगातार होनेवाला भ्रष्टाचार प्रतिबंधित करने के लिए सरकारीकरण किए गए मंदिरों को पुनः भक्तों के अधिकार में देना चाहिए !
धाराशिव : श्री तुळजाभवानी देवी के वर्ष २०११ की यात्रा अनुदान में १ करोड ६२ लक्ष रुपएं का भ्रष्टाचार हुआ है। इस संदर्भ में तुळजापुर नगरपरिषद की तत्कालीन नगराध्यक्षा श्रीमती अर्चना गंगणे, तत्कालीन मुख्याधिकारी संतोष टेंगळे, लेखापाल अविनाश राऊत पर निधी गबन करने का आरोप किया गया है। कुल मिलाकर १० ठेकेदार तथा १५ नगरसेवकों के साथ २८ लोगों पर तुलजापुर पुलिस थाने में अपराध प्रविष्ट किया गया है। उपविभागीय अधिकारी तथा विशेष लेखापाल के जांच ब्यौरे के पश्चात अपराध प्रविष्ट किया गया है।
१. वर्ष २०११ में नवरात्रि महोत्सव के निधी में अपहार हुआ है। भक्तों को सेवा सुविधा देने के नाम पर शासन का निधी सभी ने मिलकर लूटा है। नकली ठेकेदार, लेटरहेड, सिक्कों का उपयोग कर गबन किया गया है।
२. मंडप, रोषणाई, सफाई, पानीपूर्ति, सडकों का निर्माणकार्य करने की अपेक्षा देयकों का गबन किया गया है। सहाय्यक पुलिस अधीक्षक श्री. राजतिलक रोशन के पास यह ब्यौरा जांच हेतु प्रस्तुत किया गया। अपराध प्रविष्ट होते ही सभी प्रतिष्ठित आरोपी नगरसेवक भाग गए हैं !
३. तुळजाभवानी मंदिर भ्रष्टाचार का केंद्र बना है। अतः यह मांग की जा रही है कि, इस मंदिर पर जिलाधिकारी स्तर का स्वतंत्र अधिकारी नियुक्त करें।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात