इतने वर्ष सत्ता में होते हुए भी यह निर्णय पहले क्यों नहीं लिया गया, यह सरकारने बताना चाहिए ! – सम्पादक, हिन्दूजागृति
अहमदाबाद – गोमाता संसार का प्राण है, जो उस पर दया नहीं करेगा सरकार भी उस पर दया नहीं करेगी। गुजरात में अब गोवंश की हत्या करने वालों को आजीवन कारावास तक की सजा होगी। गोवंश से जुड़े सभी अपराध गैरजमानती होंगे। साथ ही प्रदेश में रात के समय गोवंश लाने-ले जाने पर भी प्रतिबन्ध लगा दिया गया है।
गुजरात में गोरक्षा कानून पहले से अमल में है, किंतु कानून के लचीलेपन के चलते कसाई बेलगाम होकर गोवंश की हेरफेर और अवैध कारोबार करते थे। गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने विधानसभा में गुजरात पशु संरक्षण विधेयक २०१७ पेश करते हुए कहा कि बचपन से गोमाता का दूध पीकर बड़ा हुआ हूं। अब गोमाता के दूध का कर्ज उतारने का मौका मिला है। एक हिंदू के रूप में गोरक्षा कानून पेश करते हुए गर्व महसूस करता हूं।
नए कानून में गोहत्या मामले में कम से कम १० साल और अधिकतम उम्रकैद की सजा और पांच लाख रुपये के अर्थदंड का प्रावधान है। इसके अलावा गोवंश को लाने-ले जाने, गोमांस का संग्रह, बिक्री जैसे मामलों में ७ से १० साल की सजा और एक से पांच लाख रुपये का अर्थदंड होगा। शाम को ७ बजे से सुबह ५ बजे तक गोवंश को लाने-ले जाने पर रोक रहेगी।
विधानसभा में भारी संख्या में मौजूद संत, महंत, महात्माओं को नमन करते हुए जडेजा ने कहा कि, गाय देश का कृषि शास्त्र, अर्थशास्त्र, विज्ञान और चिकित्सा शास्त्र है। गोहत्या क्रूरतम अपराध है और गोमांस खाने वाले जानवर से भी बदतर होते हैं। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी भी गोहत्या के प्रति गहरी चिंता व्यक्त करते थे, रुपाणी सरकार ने उनके सपने को पूरा कर दिया है।
जडेजा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गायों का खूब कत्ल हुआ जिसका लोगों ने बदला ले लिया। जहां-जहां गोहत्या होती है वहां गरीबी होती है। उत्तर प्रदेश में गोहत्या होती रही है इसीलिए वहां गरीबी पैर पसारे हुए है। जडेजा यहीं नहीं रुके उन्होंने कांग्रेस पर तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि जब भी महत्वपूर्ण काम होता है, कांग्रेस सदन से बाहर होती है ताकि गोरक्षा कानून का विरोध न करना पड़े।
स्त्रोत : जागरण