ईरान में एक व्यक्ति को इस्लाम का अपमान करने के लिए सजा ए मौत दी गई। मिली जानकारी के अनुसार, जिस व्यक्ति को यह सजा मिली उसका नाम सीना देहगन था। सजा के समय वह २१ साल का था। वहीं जब उसने कथित तौर पर यह काम किया था तब वह १९ साल का था। सीना से कहा गया था कि, अगर वह अपना अपराध स्विकार करेगा तो उसको छोड दिया जाएगा। सीना के वकील के अनुसार, जुर्म कबूलने पर अभियोजन पक्ष मुकर गया और सीना को मौत की सजा सुना दी गई। २०१५ में यह मामला वहां के उच्चतम न्यायालय पहुंचा था। तब न्यायालय ने अरक दण्ड-न्यायालय से मिली मौत की सजा को बरकरार रखा गया है।
ईरान के इस्लामिक पेनल कोड के अनुसार, वहां पर मोहम्मद का अपमान करने पर मौत की सजा मिलना तय है। परंतु अगर दोषी यह स्विकार करता है कि, उसने वह गलती से या फिर गुस्से में आकर कर दिया था तो उसको ७४ कोड़े मारकर छोड़ दिया जाता है।
सीना को अक्टूबर २०१५ में गिरफ्तार कर लिया गया था। उसके परिवारवालों को भी उम्मीद है कि उसे जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा। एक अज्ञात सूत्र ने सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स इन ईरान (सीएचआरआय) के हवाले से बताया कि, सुरक्षा और न्यायिक अधिकारियों ने सीना के परिवार से वादा किया था कि, अगर वे इस केस के बारे में चुप रहते हैं तो उसकी रिहाई की आशा है, परंतु मीडिया से बातचीत करना उनके विरुध्द जा सकता है।
स्त्रोत : जनसत्ता