इडुकी : इडुकी के बुलेटिन में छपे एक पत्र के माध्यम से पादरी ने चर्च में लड़कियों से घुटनों से ऊपर तक की ड्रेस न पहनने की अपील की है। उन्होंने ऐसी अपील उन महिलाओं से भी की जो चर्च जाने के लिए या धार्मिक कार्यों के लिए विशेष पोशाक रखती हैं।
पादरी मार मैथ्यू ने बच्चों को बड़ा करने के तरीकों पर भी चर्चा की। उन्होंने लिखा, ‘मातापिता को चाहिए कि, वे अपने बच्चों को चर्च का सम्मान करने और उसकी अथॉरिटी की बात मानने की शिक्षा दें। जल्द मां बनने वाली औरतें चर्च की प्रार्थना में हिस्सा लें और अपने बच्चे को जन्म के ८ दिनों के अंदर दीक्षा दिलवाएं। बड़े समारोह के नाम पर इस कार्यक्रम को संपन्न करने में हफ्तों-महीनों का समय न लगाएं।’
उन्होंने पालकोंसे से अपने बच्चों को ईसाई नाम देने के लिए भी कहा, उन्होंने कहा कि, बच्चों के नाम भी ईसाई होने चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि बच्चों के सामने पादरियों और ननों को किसी बात के लिए दोष नहीं दिया चाहिए ताकि बच्चों पर गलत असर न पड़े।
पादरी ने कहा कि, बच्चों को भौतिक सुख के पीछे भागने के लिए प्रेरित नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘कई ईसाई युवक बगैर पवित्रता का शादीशुदा जीवन चुनते हैं, और यही वजह होती है विश्वास में कमी की।’ उन्होंने मातापिता से फेसबुक, वॉट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स के उपयोग को सीमित करने की अपील की।
सायरो मलाबार चर्च के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, ‘वेटिकन में भी महिलाओँ के लिए तय ड्रेस कोड है। पादरी का निर्देश लड़कियों की सुरक्षा की दृष्टि से अच्छा है।’
स्रोत : नवभारत टाइम्स