हजारीबाग (झारखंड) : यहां के महुदी गांव में रामनवमी जुलूस निकाल रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इससे गुस्साए लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। उन्हें नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। सिन्हा तड़के दो बजे हजारीबाग से बड़कागांव के लिए जुलूस लेकर निकले थे। बता दें कि, इस मार्ग पर १९८४ से धार्मिक जुलूस पर पाबंदी है।
जुलूस निकालने पर अड़े रहे सिन्हा…
यशवंत सिन्हा को गिरफ्तार करने से पहले जिले के डीसी और एसपी ने उन्हें काफी समझाया। उन्हें हजारीबाग से बड़कागांववाले मार्ग से जुलूस नहीं निकालने की अपील की गई, परंतु यशवंत सिन्हा अड़े रहे। प्रशासन ने सख्ती दिखाई तो वो महुदी गांव में ही धरने पर बैठ गए।
जुलूस निकालने पर क्यों है पाबंदी ?
हजारीबाग से बड़कागांव मार्ग पर सड़क से १०० मीटर दूर मस्जिद है। ऐसे में, यहां से जुलूस निकालने पर दूसरे धर्म के लोग आपत्ति जताते रहे हैं। इसी को देखते हुए १९८४ से यहां से जुलूस निकालने पर पाबंदी लगा दी गई।
सोमवार रात विधायक समेत १०० लोगों की हुई थी गिरफ्तारी
पुलिस ने मौके से बीती देर रात विधायक मनीष कुमार जायसवाल और पूर्व विधायक लोकनाथ महतो समेत करीब १०० लोगों को गिरफ्तार किया था। इन्हें पहले बड़कागांव थाने लाया गया। इसके बाद सभी को डेमोटांड एग्रीकल्चर फार्म में रखा गया है। इस फार्म को ही कैम्प जेल बना दिया गया है। फार्म में आम लोगों के आने-जाने पर पाबंदी लगा दी गई है। जुलूस पर भी रोक लगा दी गई है। पुलिस के शीर्ष अधिकारी मौके पर तैनात हैं और पूरे मामले पर नजर रखे हुए हैं।
बेल भी नहीं लूंगा : सिन्हा
गिरफ्तारी से पहले यशवंत सिन्हा ने मीडिया से कहा कि, वो जुलूस निकालकर रहेंगे, चाहे उन्हें जेल भेज दिया जाए। उन्होंने कहा कि वो बेल भी नहीं लेंगे।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर