कार्तिक कृष्ण पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११६
- भडकाउ धर्मांध ओवैसीको चुनाव आयोग अथवा अन्य कोई राजनीतिक पक्ष नियंत्रित क्यों नहीं करते ?
- भागो हिन्दू, ओवैसी आया एेसी घोषणाएं !
संभाजीनगर (महाराष्ट्र) – मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीनके (एम.आइ.एम.के ) सांसद असदुद्दीन ओवैसीका भडकीला भाषण सुनकर वापिस आनेवाले धर्मांधोंने रास्तेमें पुरोहितोंको अमानुषिक मारपीट की एवं उनके विरोधमें तीव्र घोषणाबाजी कर उनकी गाडीकी तोडफोड की । (आजतकके सर्वपक्षीय राजनेताओंद्वारा धर्मांधोंकी चापलूसी करनेके कारण ही उद्दण्ड बने धर्मांध इस प्रकारसे हिन्दुओंको कष्ट देते हैं । इस स्थितिको परिवर्तित करने हेतु ‘हिन्दू राष्ट्र’ अनिवार्य है ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात ) इस संदर्भमें पुरोहितोंने सिटीचौक पुलिस थानेमें परिवाद प्रविष्ट किया है ।
पढे – धर्मांध असदुद्दीन ओवैसीद्वारा संभाजीनगर की सभामें किया गया विषवमन
१. आमखासके मैदानपर ओवैसीकी सभा आयोजित की गई । अतः सहस्रो धर्मांधोंने टाऊनहॉल परिसरमें यातायातकी नाकेबंदी की ।
२. इसी समय पैठण मार्गपर स्थित गणपति मंदिरमें चालू अथर्वशीर्ष सहस्रावर्तन समाप्त कर चतुर्थीका उपवास तोडने हेतु वेदशास्त्रसम्पन्न सुभाष मुळे, नारायणकाका जोशी, अनंत पांडव, भैय्या सेवनकर, स्वप्निल जोशी आदि पुरोहित घर वापिस आनेके लिए निकले थे । वे इस यातायातकी नाकेबंदीमें फंस गए ।
३. उनके गलेमें भगवे पंचे, धोती-कुरता देखकर धर्मांधोंने उनकी हंसी उडानी आरंभ की । (हिन्दुद्वेषी धर्मांध ! भगवेसे इतना परहेज रहनेवाले धर्मांधोंको पाकिस्तानमें खदेड देना चाहिए ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात )
४. उन्होंने ‘उपर छत्री, नीचे छाया, भागो हिन्दू, ओवैसी आया,’ इस प्रकारकी घोषणा आरम्भ की । (ऐसे धर्मांधोंको पाठ पढाने हेतु हिन्दू संगठन अनिवार्य है ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात )
५. पुरोहितोंने वहांके पुलिसकर्मियोंको यह प्रकरण रोकनेके लिए कहा; परंतु पुलिसने इसपर ध्यान नहीं दिया ।
६. इससे क्रोधित धर्मांधोंने सीधे मुळे गुरुजीकी बखोटीको पकडते हुए अश्लील गालीगलौज किया । सभी पुरोहितोंने उन्हें मुक्त करनेका प्रयास किया, इसपर धर्मांधोंने उनके साथ धक्कामुक्की की । (हिन्दुओ, धर्मांधोंद्वारा होनेवाले आक्रमणोंको लौटानेके लिए स्वसुरक्षा प्रशिक्षण लें ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात )
७. कुछ धर्मांधोंने पुरोहितोंके चौपहिए वाहनकी तोडफोड की । कुछ लोगोंने लातें मारकर गाडीके क्रमांककी तक्ती भी तोडी । )
८. वहांसे जैसे तैसे मुक्त होकर पुरोहित पुलिस थाना पहुंचे एवं उन्होंने परिवाद प्रविष्ट किया ।
९. घटनाका पता चलते ही शिवसेनाके विधायक श्री. प्रदीप जायसवाल शिवसेनाके नगरसेवक श्री. गोपाल कुलकर्णी एवं अन्य सैकडोें शिवसैनिकके साथ पुलिस थाने पहुंचे । (पुरोहितोंकी सहायताके लिए तत्परतासे दौडकर आनेवाले शिवसैनिकोंका अभिनंदन ! इसीलिए हिन्दुओंको अन्य राजनीतिक पक्षोंकी अपेक्षा शिवसेनाका अधिक आधार प्रतीत होता है ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात )
१०. इसलिए पुलिसकर्मियोंने अपराधकी प्रविष्ट की ।
११. ओवैसीकी सभाके कारण हुई घटनासे हिन्दुओंमें क्रोधकी लहर उठी है एवं पुरोहितवर्गद्वारा इसका निषेध प्रविष्ट किया गया है । (हिन्दुओ, केवल क्रोध कर मौन न रहें, अपितु ऐसे धर्मांधोंके विरोधमें वैधानिक मार्गसे आवाज उठाएं ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात )
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात