श्रीरामनवमी के अवसर पर वज्रदल संघटन की ओर से धारावी परिसर में भव्य शोभायात्रा
गोरक्षण हेतु तयार किए गए छोटे नाटक में, कसाई के हाथ में दिखाया हुआ छुरा पुलिस ने हटाने को कहा !
मुंबई : भगवान श्रीकृष्ण की तुलना रोडरोमियो से करनेवाले प्रशांत भूषणपर कार्रवाई नहीं होती, महिला दिवस के दिन समस्त महिलाओं की अवहेलना करनेवाला ट्विट करनेवाले रामगोपाल वर्मा के विरोध में कोई कार्रवाई नहीं होती। रानी पद्मावती का अयोग्य चित्रीकरण कर उसका शीलहनन करने का प्रयास करनेवाले संजय लीला भंसाली के विरोध में कार्रवाई नहीं होती; किंतु हिन्दुओं ने यदि रामनवमी के दिन प्रभु श्रीराम की शोभायात्रा निकालने की योजना बनाई, तो उनको कार्रवाई का डंडा दिखाया जाता है और उनको नोटिस दी जाती है ! इस स्थिति में परिवर्तन लाने हेतु तथा हिन्दुओं को उनके न्यायिक अधिकार दिलाने हेतु हम समस्त हिन्दू संघटित होकर इस भारतभूमि में पुनः एक बार रामराज्य (हिन्दू राष्ट्र) लाने हेतु कटिबद्ध हों ! हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. सुमित सागवेकर ने ऐसा आवाहन किया।
वज्रदल संघटन की ओर से श्रीरामनवमी के अवसर पर निकाली गई शोभायात्रा के समापन के समय वे ऐसा बोल रहे थे। इस अवसरपर अन्य हिन्दुत्वनिष्ठों ने भी अपने विचार रखकर उपस्थित हिन्दुओं में व्याप्त धर्मतेज को जगाया।
इस शोभायात्रा के संबंध में प्रतिवर्ष की स्थिति
धारावी के वज्रदल संघटन की ओर से प्रतिवर्ष श्रीरामनवी का उत्सव बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस उपलक्ष्य में धारावी परिसर में भव्य शोभायात्रा निकाली जाती है। इस शोभायात्रा में परिसर में होनेवाले हिन्दुत्वनिष्ठ संघटन, मंडल एवं धर्माभिमानी हिन्दू बडी संख्या में सम्मिलित होते हैं। शोभायात्रा के लिए अनुमति प्राप्त करने हेतु संघटन के कार्यकर्ता प्रतिवर्ष पुलिस थाने में आवेदनपत्र देते हैं; किंतु प्रतिवर्ष पुलिस प्रशासनद्वारा कानून-व्यवस्था का कारण आगे कर शोभायात्रा के लिए अनुमति नहीं दी जाती अथवा शोभायात्रा के मार्ग में परिवर्तन करने, कहा जाता है। इस शोभायात्रा में सम्मिलित मंडलों, संघटनों एवं हिन्दुत्वनिष्ठों को अपने परिसर से यह शोभायात्रा मार्गान्वित हो, ऐसा लगता है; किंतु शोभायात्रा के नियोजित मार्ग के दोनों ओर धर्मांधों की भंगार वस्तुओं की अनेक दुकाने हैं। इसमें से अधिकांश दुकानदारों ने सडक पर अवैध रूप से अतिक्रमण किया है। अतः पुलिस प्रशासन इस क्षेत्र से शोभायात्रा ले जानेपर प्रतिबंध लगाता है। फलस्वरूप पुलिसद्वारा निर्धारित किया गया मार्ग बहुत छोटा एवं किसी एक ही परिसर से जानेवाला होता है और हिन्दुओं को उसी मार्ग से शोभायात्रा ले जानी पडती है; परंतु पुलिस प्रशासनद्वारा मुसलमानों के उरुस के समय उनको शोभायात्रा किसी भी मार्ग से निकालने की अनुमति दी जाती है !
शोभायात्रा हेतु पुलिसकर्मियों की फौज
यह शोभायात्रा जिस क्षेत्र से निकाली जाती है, उस क्षेत्र में हिन्दू एवं मुसलमानों के घर मिश्र स्वरूप में हैं। अतः पुलिस प्रशासन की दृष्टि से यह परिसर अत्यंत अतिसंवेदनशील माना जाता है। फलस्वरूप प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी शोभायात्रा के समय पुलिसकर्मियों के बडी फौज खड़ी की गई थी। उसमें राज्य राखीव दल एवं दंगा नियंत्रण दल की गाडियों का भी अंतर्भाव था। धारावी पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक बांगर स्वयं अन्य पुलिसकर्मियों के साथ उपस्थित थे। (जहां वास्तव में धर्मांध दंगे की सिद्धता कर नियोजनबद्ध दंगें करवाते हैं, वहां पर पुलिस प्रशासनद्वारा इतनी सावधानी बरतती है, ऐसा कहीं दिखाई नहीं देता ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
शोभायात्रा के एक नाटक में कसाई के हाथ में होनेवाला छुरा; पुलिसकर्मियों ने हटाने काे कहा !
पुलिस प्रशासन को गोमाता की हत्या का दृश्य भडकाऊ लगता है; किंतु जो कसाई वास्तव में सहस्रो गोमाताओं को हलाल कर प्रतिदिन हत्याएं करते हैं, वो उनको भडकाऊ नहीं लगता !
इस वर्ष इस शोभायात्रा में एक वाहनपर गोरक्षण के संदर्भपर सजीव दृश्य दिखाया गया था। उसमें एक धर्मांध कसाई गोमाता को पकडकर उसकी गर्दनपर छुरा चलाने की सिद्धता में है, ऐसा दिखाया गया था, तो गोमाता की दूसरी ओर एक हिन्दू उसे बिलगकर कसाई के चंगुल से उसको छुडाने का प्रयास कर रहा है, ऐसा दिखाया गया था। दृश्य की पिछली बाजू में गोमाता की सर्वांगीण उपयुक्तता के संदर्भ में जानकारी देनेवाला फलक लगाया गया था। धारावी पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक बांगर ने इस दृश्य को देखते ही वह भडकाऊ है, ऐसा कहकर उस दृश्य में काम करनेवाले कार्यकर्ता के हाथ में पकडे हुए लकडी के छुरे को हटाने के लिए कहा। तब कार्यकर्ताओं ने उनको बताया कि जो सत्य है, वही इस दृश्य में दिखाया गया है। पिछली बाजू में गोमाता की उपयुक्तता के संदर्भ में भी जानकारी दी गई है; किंतु उन्हों ने कार्यकर्ताओं की बात न सुनकर कसाई के हाथ में रखे गए लाकडी छुरे को निकाल लिया !
शोभायात्रा में लगाए गए ध्वनिवर्धक से निकलनेवाली ध्वनि का मापन करने हेतु पुलिसकर्मियों के पास ध्वनिमापक यंत्र था। उन्हों ने ध्वनिवर्धक से निकलनेवाली ध्वनि का मापन कर उसकी प्रविष्टि कर ली।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात