कार्तिक कृष्ण पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११६
लंदन : आतंकवादी संगठन आईएसआईएस ब्रिटिश सेना और पुलिस बल में घुसपैठ कर घातक हमलों को अंजाम देने की फिराक में है। साथ ही, संगठन की मंशा सीरिया और इराक के अपने कब्जे वाले इलाके में आने वाले टूरिस्टों और विदेशी नागरिकों को अगवा कर उनकी नृशंस तरीके से हत्या करने की है, ताकि पश्चिमी जगत में हड़कंप मच जाए। उल्लेखनीय है कि पहले दो अमेरिकी पत्रकारों सहित चार लोगों का सिर कलम किया जा चुका है। इन बातों का खुलासा आईएसआईएस के २६८ पन्नों की उस नियमावली वाले दस्तावेज से हुआ है, जो खुफिया एजेंसियों के हाथ लगा है।
आईएसआईएस की नियमावली
‘द मैनेजमेंट ऑफ सैवेजरी’ नाम की इस नियमावली को संगठन के प्रमुख आतंकी अबुबक्र नाजी ने लिखा है। इससे यह भी खुलासा हुआ है कि इस्लामिक स्टेट मिडल ईस्ट में किस कदर आतंक फैला रहा है। इसमें कहा गया है कि ब्रिटिश बंधक डेविड हैन्स और ऐलन हेनिंग की सिर काटकर नृशंस हत्या एक व्यापक रणनीति के तहत की गई, ताकि आतंक का माहौल कायम किया जा सके। नियमावली में नाजी ने लिखा है, “हमारी लड़ाई लंबी है। और यह अभी अपने शुरुआती दौर में है। लड़ाई लंबी होने से हमारे पास घुसपैठ करने का अच्छा मौका है।”
ब्रिटिश सेना में घुसपैठ की साजिश
दस्तावेजों से यह भी खुलासा हुआ है कि आतंकवादियों द्वारा ब्रिटिश सेना और पुलिस बल में घुसपैठ की कोशिश सालों से हो रही है। नियमावली में नाजी लिखता है, “हम पुलिस बल, आर्मी, निजी सुरक्षा कंपनियां, संवेदनशील नागरिक संस्थाओं में घुसपैठ करेंगे।” एक जगह ‘ब्लेजिंग बैटल’ शीर्षक से नाजी लिखता है, “हमें इस लड़ाई को हिंसक बनाना है। हमें उन दो समूहों को अहसास कराना है कि हमसे टकराने वालों का अंजाम मौत है।”
दस्तावेज में और क्या ?
• इस्लामिक जगत में पर्यटकों को निशाना बनाना
• पश्चिमी पत्रकारों को बंधक बनाकर प्रचार करवाना
• ऑयल फील्ड में काम करने वालों को बंधक बनाना
हैंडबुक में लिखा है, “अगर हम अफगानिस्तान (८० के दशक में) में मारे गए रूसियों (१४,०००) की संख्या के मुकाबले कम से कम दसवें हिस्से अमेरिकियों को भी मार दें, तो ये भाग जाएंगे।” नाजी ने जिहादियों को ऑयल फील्ड, समुद्र, हवाई अड्डों, पर्यटन सुविधाओं, बैंकिंग और वित्तीय सेक्टरों को भी निशाना बनाने को कहा है। इस्लामिक स्टेट बनाने की कड़ी में नाजी की नजर अब सऊदी अरब, पाकिस्तान, यमन, तुर्की, जॉर्डन, लीबिया, ट्यूनीशिया और मोरक्को जैसे देश हैं।
‘नियमावली में लिखी हर बात मुमकिन’
विशेषज्ञों के मुताबिक, ‘द मैनेजमेंट ऑफ सैवेजरी’ को २००४ में पहली मर्तबा प्रकाशित किया गया था। उन्होंने कहा कि यह आतंकियों की कार्रवाई के बारे में बहुत कुछ कहता है। इसके अलावा यह काफी हद तक उनकी क्रूरता का बखान भी करता है, जो एक सच्चाई है। लंदन में रॉयल यूनाइटेड सर्विसेस के जिहादी विशेषज्ञ अफजल अशरफ ने कहा, “इस किताब में लिखी हर बात मुमकिन है।” हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि जिस तरह इस्लामिक स्टेट इराक के पुलिस बलों व सेना में घुसपैठ करने में कामयाब रहा, ब्रिटेन में उसके लिए ऐसा करना लोहे के चने चबाने सरीखा होगा।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर