हिन्दुओं का गौरव रहा भगवा ध्वज का अनादर होने के लिए क्या यह पाकिस्तान है ? अन्य धर्मियों के संदर्भ में यदि ऐसा प्रकार होता, तो उसकी कितनी भीषण प्रतिक्रियाएं होतीं, यह कोई अलग बताने की आवश्यकता नहीं है; किंतु हिन्दुओं के संघटित न होने से ही हिन्दुओं के गौरव को पैरोंतले कुचला जाता है। इस स्थिति में परिवर्तन लाने हेतु अब हिन्दू राष्ट्र ही चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात
बडा वाघोदा (जलगांव) : ७ अप्रैल को यहां के ऊर्दू विद्यालय के निकट के बिजली के खंबे पर लगाए गए भगवे ध्वज को फाडकर उसे फेंक दिए जाने की घटना हिन्दुत्वनिष्ठों के ध्यान में आ गई। (हिन्दुओं का संघटित न होना तथा शासनकर्ताओं की धर्मांधों के प्रति दुबली नीति के कारण ही ऐसी घटनाएं होती हैं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
ऊर्दू विद्यालय के निकट के बिजली के खंबेपर लगाए गए भगवा ध्वजों को निकाल लिया जाए, ऐसा परिवाद यहां के धर्मांधोंद्वारा पुलिस थाने में किया गया था। अब हिन्दुत्वनिष्ठों की ओर से भगवा ध्वज का अनादर हुआ; इसलिए परिवाद प्रविष्ट किया जानेवाला है। इस घटना के पश्चात पुलिस प्रशासनद्वारा गांव में लगाए गए सभी धर्मियों के ध्वजों को हटा देने के आदेश दिए थे। (हिन्दुस्थान में इस प्रकार से हिन्दुओं के ध्वज का अनादर होनेपर उसे पुनः सम्मानपूर्वक लगाया जाना चाहिए तथा ऐसे कृत्य करनेवालों को कठोर दंड दिया जाना चाहिए। ऐसा न होकर उपयुक्त निर्णय किया जाना, यह विगत ६९ वर्षों से चली आ रही तथा अभी भी चल रही धर्मांधों के तुष्टिकरण की नीति के परिणाम हैं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) परंतु हिन्दुत्वनिष्ठों के यह ध्यान में आया है कि, पुलिस प्रशासनद्वारा केवल भगवे ध्वज निकाले गए हैं, हरे ध्वज नहीं निकाले गए हैं ! (इससे पुलिस प्रशासन में हरे ध्वज हटाने का साहस नहीं, ऐसा हिन्दू समझ लें क्या ? ऐसे हिन्दूद्वेषी पुलिसकर्मियों के विरोध में उनके वरिष्ठों की ओर परिवाद कर उनके विरोध में कार्रवाई होनेतक उसका पृष्ठपोषण करें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात