कार्तिक कृष्णपक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११६
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ओस्लो (नॉर्वे) : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जोर देकर कहा कि भारत में आतंकवाद की समस्या आयातित है। भारत में स्वदेशी आतंकी गतिविधियां एकदम नगण्य हैं क्योंकि देश के १५ करोड़ मुसलमानों में से शायद ही कोई इनमें शामिल हो।
अपनी दो दिन की नार्वे यात्रा शुरू करने के पहले मीडिया को दिए साक्षात्कार में राष्ट्रपति ने कहा कि देश के १५ करोड़ मुसलमानों में से एक-दो लोग आतंकवाद में लिप्त हो सकते हैं, लेकिन बाकी सभी आतंकी आयातित हैं।
भारत में देशी आतंकी गतिविधि नहीं के बराबर है और जब भी हम ऐसी कोई गतिविधि देखते हैं तो उचित कदम उठाते हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद में धर्म के प्रति कोई सम्मान नहीं होता। उनकी कोई विचारधारा नहीं होती। निर्मम विध्वंस और मानवीय मूल्यों को पूरी तरह नकारना उनकी एक मात्र विचारधारा होती है।
दोस्त चुन सकते हैं, पड़ोसी नहीं भारत-पाकिस्तान सीमा पर हाल में शुरू हुई हिंसा पर पूछे गए सवाल के जवाब में मुखर्जी ने कहा कि इस मामले में विदेश मंत्री जवाब दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर भारत की नीति यह है कि हम अपने दोस्त तो चुन सकते हैं, मगर अपने पड़ोसी नहीं चुन सकते।
उन्होंने कहा-“जब मैं विदेश मंत्री था तो मैं अक्सर कहा करता था कि मैं अपने पड़ोसियों के साथ तनाव के बीच नहीं रह सकता। मैं तनाव घटाना चाहूंगा।” अगला पड़ाव फिनलैंड होगा । नार्वे के बाद राष्ट्रपति का फिनलैंड जाने का कार्यक्रम है। इस दौरान दोनों देशों के बीच ऊर्जा, मत्स्यपालन और शिक्षा के अलावा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के समझौते हो सकते हैं। भारत प्रदूषण रहित प्रौद्योगिकी के मामले में फिनलैंड की विशेषज्ञता का भी लाभ लेना चाहता है।
स्त्रोत : नई दुनिया