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ईसाई मिशनरियों का खोखला ‘मानवतावाद’ !

ईसाई मिशनरियों के कार्य का खरा स्वरूप !

अधिकांश ईसाई मिशनरियों के कार्य का खरा स्वरूप है, मानवतावाद का दिखावा कर हिन्दुओं पर नि:शुल्क औषधोपचार करना, हिन्दू बच्चों के लिए अनाथालय खोलना एवं उन हिन्दुओं का धर्मांतर करना !

ऐसे मिशनरियों को आगे दिए अनुसार प्रश्न पूछें . . .

१. यदि ‘मानवतावाद’ ही शुद्ध हेतु है, तो उसके लिए हिन्दुओं का धर्मांतर करने की क्या आवश्यकता है ?

२. पूरे विश्व में तेजी से फ़ैल रहे जिहादी आतंकवाद के कारण सहस्रो निष्पाप लोगों की हत्या होते हुए भी जिहादी आतंकवाद के विरोध में, वे आवाज क्यों नहीं उठाते ?

३. साम्राज्यविस्तार एवं स्वयं का वर्चस्व प्रस्थापित करने हेतु पूरे विश्व में अधिकांश आक्रमण एवं युद्ध ईसाई राष्ट्रों के कारण होते हुए भी उन राष्ट्रों को मानवतावाद का पाठ क्यों नहीं पढ़ाया जाता ?

छल-बल-कपटद्वारा हिन्दुओं को धर्मपरिवर्तित करनेवाले ईसाई मिशनरियों के विरोध में जागृति करना हर हिन्दू का ‘धर्मपालन एवं धर्मकर्तव्य’ ही है !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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