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भिवंडी (महाराष्ट्र) : हिन्दुओं के तीव्र विरोध के कारण साईबाबा मंदिर एम.एम.आर.डी.ए. के अधिकारी नहीं तोड पाए !

हिन्दुओं की संघटितता का परिणाम

भिवंडी : भिवंडी तहसिल के वडूनवघर में साईबाबा का मंदिर तोडने हेतु मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण के (एम.एम.आर.डी.ए.) अधिकारी एवं कर्मचारी आए थे; परंतु हिन्दुओं को इस घटना का अंदाजा आते ही संतप्त हिन्दू ग्रामवासियों ने सड़क पर उतर कर मंदिर पर कार्रवाई करने तीव्र विरोध किया।

इस समय महिला भी भारी संख्या में उपस्थित थीं। ग्रामवासियों ने ऐसी भूमिका अपनाई कि, यदि राज्य सरकार ने सार्वजनिक उपक्रमों में अडचन लानेवाले मंदिरों पर कार्रवाई की, तो हम विरोध नहीं करेंगे; परंतु यदि सरकार प्रतिशोध की बुद्धि से बिना किसी अडचन हो रहे मंदिर तोडती है, तो हम उसे प्राणों की बाजी लगा कर विरोध करेंगे ! इस समय संतप्त ग्रामवासियों का उग्र रूप देख कर एम.एम.आर.डी. के अधिकारी वहां से निकल पड़े !

ग्रामवासी ऐसा आरोप कर रहे हैं कि, अन्य धर्मीय प्रार्थनास्थल होते हुए भी राज्य सरकार के एम.एम.आर.डी.ए. प्रशासनद्वारा भिवंडी में केवल हिन्दुओं के देवी-देवताओं के ही मंदिरों को लक्ष्य कर तोडने का कार्य हो रहा है। भिवंडी तहसिल में एम.एम.आर.डी.ए. प्रशासन कानून लागू होने से पूर्व स्थानीय ग्रामपंचायत प्रशासन की अनुमति लेकर मंदिर तोडे गए हैं। मंदिर हिन्दूधर्मियों की श्रद्धा के प्रतीक हैं। अधिवक्ता श्री. गणेश काबुकर ने पत्रकारों से कहा कि, ‘एम.एम.आर.डी.ए को मंदिरों पर निष्कासन की कार्रवाई करने से पूर्व जनता की भावनाओं की कदर करनी चाहिए !’

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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