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हम हनुमानजी से जिस प्रकार से दास्यभक्ति सीखते हैं, उसी प्रकार से हमें उनसे वीरता भी सिखनी चाहिए ! – श्रीमती सुनीता पाटिल, रणरागिणी शाखा

श्रीमती सुनीता पाटिल के मार्गदर्शन का लाभ लेती हुई महिलाएं

ठाणे : हनुमानजी तो भक्ति, शक्ति एवं युक्ति का त्रिवेणी संगम हैं ! जैसे हम हनुमानजी से दास्यभक्ति सीखते हैं, उसी प्रकार से हमें उनसे वीरता भी सिखनी चाहिए। रावणद्वारा सीतामाता का हरण किए जानेपर हनुमानजी ने भक्ति, शक्ति एवं युक्ति के बलपर सीतामाता की खोज की और लंका जला दी थी !

वर्तमान में, सभी स्थानोंपर रावण हैं। तो ऐसी स्थिति में महिलाओं की रक्षा कौन करेगा ? इसके लिए स्वयं ही धर्माचारी होकर हमें हमारा शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक बल बढाना होगा। रणरागिणी शाखा की श्रीमती सुनीता पाटिल ने ऐसा मार्गदर्शन किया। वो, यहां के उत्कर्षा महिला मंडल की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थी।

इस अवसर पर रणरागिणी शाखा की ओर से कानसई गांव में चलाए जा रहे धर्मशिक्षा वर्ग के निकट के हनुमानजी के मंदिर में स्थित पालकी का स्वागत कर औक्षण किया गया।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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