वाशिंगटन : अमेरिका ने कहा है कि, उसने अब तक के सबसे बड़े गैर परमाणु बम का उपयोग करते हुए इस जीबीयू-४३ बम को पूर्वी अफगानिस्तान में शरण लिए इस्लामिक स्टेट आतंकियों के ठिकानों पर गिराया है । लगभग ९८०० कि.ग्रा. वाले इस बम को सबसे बड़ा बम बताया जाता है । पेंटागन के प्रवक्ता ने बताया कि, पहली बार इस बम का प्रयोग किया गया है और इसे एमसी-१३० एयरक्राफ्ट से गिराया गया । इसको ‘मदर ऑफ ऑल बम’ कहा जाता है । यह बम नानगरहार प्रांत के अचिन जिले में एक सुरंगनुमा इमारत (टनल कॉम्पलैक्स) पर गिरा । अफगानिस्तान में अमेरिकी सुरक्षा बलों ने एक बयान में यह जानकारी दी । यह हमला स्थानीय समय के अनुसार गुरुवार शाम ७:३२ (१५०२ जीएमटी) बजे हुआ । अफगानिस्तान के जिस इलाके में यह बम गिराया, वह पाकिस्तान सीमा के नजदीक है ।
हालांकि यह तुरंत पता नहीं चल सका है कि, इस बम ने कितना नुकसान पहुंचाया है । पेंटागन के प्रवक्ता एडम स्टम्प ने बताया कि, इस हथियार का लड़ाई में पहली बार उपयोग किया गया ।
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता सीन स्पाइसर ने कहा कि, हमने ISIS के आतंकियों द्वारा उपयोग किए जा रहे सुरंगों और खोहों को निशाना बनाया । इस बात का पूरा ध्यान रखा गया कि, इससे आम नागरिकों और उनकी संपत्तियों को कोई नुकसान न पहुंचे । स्पाइसर ने कहा कि, ISIS के विरुध्द लड़ाई को अमेरिका बेहद गंभीरता से ले रहा है ।
अफगानिस्तान में अमेरिकी और विदेशी सुरक्षा बलों के प्रमुख जनरल जॉन निकोलसन ने कहा कि, इस बम का उपयोग ISIS के लड़ाकों के विरुध्द हुआ, जो सुरंगों को अपना ठिकाना बनाए रहते हैं ।
‘मदर ऑफ आल बम’
इस बम को ‘सभी बमों की जननी’ भी कहा जाता है । यह अमेरिका का सबसे बड़ा गैर परमाणु बम है । जीपीएस गाइडेड यह बम जमीन से ठीक पहले फटता है और इसका दायरा काफी बड़ा होता है । अंडरग्राउंड टारगेट को नष्ट करना सबसे बड़ी खासियत होती है । मार्च २००३ में इराक युद्ध से ठीक पहले इसका टेस्ट किया गया ।
इस जीबीयू-४३ बम का वजन २१,६०० पाउंड (९,७९७ किग्रा) है । इसका पहली बार परीक्षण मार्च २००३ में ईराक युद्ध शुरू होने से कुछ दिन पहले ही किया गया था । इसमें ११ टन विस्फोटक पदार्थ आता है । पेंटागन के प्रवक्ता एडम स्टंप ने बताया कि यह पहला मौका है जब अमेरिका ने इस बम का उपयोग किया है ।
स्त्रोत : NDTV इंडिया