काबुल – अमेरिका के पूर्वी अफगानिस्तान के नंगरहार में किए सबसे बड़े गैर-परमाणु बम आक्रमण में मारे गए इस्लामिक स्टेट के आतंकियों की संख्या ९४ हो गई है। नंगरहार प्रांत के प्रवक्ता अताउल्ला खोगयानी ने बताया कि अमेरिकी आक्रमण में मरने वाले आईएस के सदस्यों की संख्या ३६ से बढ़ कर ९४ हो गई। अचिन जिला में बम के आक्रमण वाली जगह का जायजा लेने के बीच रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कल कहा था कि मृतकों का आकंडा बढ़ सकता है। खोगयानी ने बताया, ‘खुशकिस्मती से कोई आम नागरिक आक्रमण में नहीं मारा नहीं गया।’
गौरतलब है कि गुरुवार को आईएस आतंकियों के छिपने के ठिकानों को निशाना बनाते हुए अमेरिका ने GBU 43/B मैसिव ऑर्डनंस एयर ब्लास्ट बम से हमला किया था। इस बम को ‘सभी बमों की मां’ का नाम दिया गया है। अमेरिका ने पहली बार किसी के खिलाफ इस बम का उपयोग किया था। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के कार्यालय ने शुक्रवार को कहा था कि इस अभियान के लिए अमेरिकी सेना और अफगान सरकार के बीच ‘निकट समन्वय’ था और वे असैन्य नागरिकों को किसी नुकसान से बचाने के लिए सतर्क थे।
अमेरिका का कहना है कि अफगानिस्तान में आईएस के ६०० से ८०० लड़ाके मौजूद हैं और ज्यादातर लड़ाके नंगरहार में हैं। अमेरिका उनसे लड़ रहा है और तालिबान के खिलाफ संघर्ष में अफगान बलों की सहायता कर रहा है। स्थानीय बलों को प्रशिक्षित करने और आतंक विरोधी अभियानों को अंजाम देने के लिए अमेरिका के करीब ८००० सैनिक अफगानिस्तान में तैनात हैं।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स