छत्रपति शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में कार्यक्रम
मुंबई : आज की युवा पीढी के अभ्यास के साधन ‘ग्रंथ’ तथा ‘उपन्यास’ नहीं, अपितु ‘फेसबुक’, ‘व्हॉट्स अॅप’ एवं ‘यू ट्यूब’ हो गए हैं ! इसी माध्यम से ब्रिगेडी लोग संदर्भहीन तथा मिथ्या इतिहास फैला कर हिन्दू समाज में जातपात के संदर्भ में अंतर करने का षडयंत्र रच रहे हैं। रायगढ पर पुण्यतिथि के अवसर पर ढोल बजानेवालों की भी जांच की जानी चाहिए। ऐसा किसी ने जानबूझकर किया है ! यदि भविष्य में इन ब्रिगेडियों ने ऐसा ही कार्य चालू रखा तो उन्हें शिवसूर्यजाल दर्शाने हेतु शिवप्रेमियों को सिद्ध रहना चाहिए !
श्रीशिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान के श्री. बळवंतराव दळवी ने ऐसा आवाहन किया। शिवतीर्थ (दादर) में छत्रपति शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में उनकी पवित्र स्मृति को वंदन किया गया। इस अवसर पर ११५ से अधिक धारकरी, शिवप्रेमी एवं राष्ट्राभिमानी उपस्थित थे। इस अवसर पर वे बोल रहे थे।
इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. सुमित सागवेकर ने भी ‘छत्रपति शिवाजी महाराज का खून-एक विपर्यास’ इस विषय पर ऐतिहासिक प्रमाण देते हुए मार्गदर्शन किया ।
क्षणिकाएं
१. इस अवसर पर पूज्य भिडे (गुरुजी) रचित ध्येयमंत्र का उच्चारण किया गया ।
२. छत्रपति शिवाजी महाराज का देहावसान हुआ, उस समय चैत्र पूर्णिमा थी। पूर्णिमा के चंद्र की ओर देख कर सभी शिवभक्तों ने शिवाजी महाराज के अंतिम क्षण का साक्ष रहनेवाले चंद्र को वंदन किया।
३. हिन्दू धर्म, हिन्दू समाज एवं हिन्दुस्थान के अंतर्बाह्य शत्रुओं का निर्दालन एवं भारतमाता की सुरक्षा करने की पवित्र शपथ लेकर कार्यक्रम की परिसमाप्ति की गई।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात