‘सुदर्शन’ वाहिनी के संपादक श्री. सुरेश चव्हाणके को अन्यायपूर्ण बंधक बनाए जाने का प्रकरण
श्री. सुरेश चव्हाणके एक धार्मिक संस्कारवाले प्रखर राष्ट्रभक्त संपादक हैं। आजतक उनकेद्वारा एक भी देशविरोधी वक्तव्य नहीं दिया गया है। ऐसा होते हुए भी श्री. चव्हाणके को अन्यायपूर्ण पद्धति से बंधक बनाया जाना अत्यंत क्षोभजनक है ! इसके विरोध में सभी साधुसंत एवं वारकरी संप्रदाय सडक पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
देशभक्तों को ‘जेल’ तथा देशद्रोहियों को ‘बेल’ यह आज की स्थिति है ! तुघलकी ‘फ़तवा’ निकालकर श्री. चव्हाणके को बंधक बनाया जाने का यह प्रकरण तो ‘चोर को छोड संन्यासी को फांसी’ देने जैसा है !
आज श्री. चव्हाणके का सिर काटने की और उनके हाथ-पैर तोडने की भाषा बोलनेवाले खुलेआम घूम रहे हैं; किंतु पूज्यपाद संतश्री आसारामजी बापु, साध्वी प्रज्ञासिंह जैसे संत, श्री. धनंजय देसाई और अब श्री. सुरेश चव्हाणके जैसे राष्ट्रप्रेमी व्यक्तियों को कारागृह में डाला जा रहा है। सनातन वैदिक हिन्दू धर्म का प्रतिनिधित्व करनेवाले प्रधानमंत्री तथा योगी आदित्यनाथ के नेतृत्ववाले राज्य में इस प्रकार से राष्ट्रप्रेमी व्यक्ति का उत्पीडन किया जाना अत्यंत दुर्भाग्यजनक है ! शासन श्री. चव्हाणके को तुरंत छोड दे, अन्यथा पूरे भारत में प्रदर्शन किए जाएंगे !
– हिन्दूभूषण ह.भ.प. श्याम महाराज राठोड
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात